राजधानी से जनता तक/ चरण सिंह क्षेत्रपाल

देवभोग -जिले के देवभोग तहसील अंतर्गत झाखरपारा ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के लिए आए लाखों रुपए का गबन होने का मामला सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंचायत के सरपंच व सचिव
के मिलीभगत से गांव के विभिन्न विकास कार्यों की मंद राशि अर्थात 15 वां वित्त मूलभूत राशियों को निकालकर हजम कर लिया गया था, जिससे ग्रामीण जनता को भनक लगी तो उन्होंने भ्रष्टाचार को उजागर करने जनपद पंचायत सीईओ के समक्ष शिकायत आवेदन पत्र पेश किया गया था। तदानुसार जिले से प्रशासन ने गांव में विकास कार्य को लेकर त्वरित निराकरण हेतु निर्देश दिया गया था। उसी अनुरूप जनपद अधिकारी व कर्मचारीयों की टीम ने मौके पर पहुंचे और मामले को गंभीरता से जांच पड़ताल किया गया है।
गौरतलब है, कि ग्राम पंचायत झाखरपारा को विभिन्न विकास योजनाओं के तहत लाखों रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी। लेकिन आरोप है कि सचिव अर्जुन नायक और सरपंच छायकांत सोनवानी ने वह राशि निकाल ली और गांव के विकास कार्य अधूरे रह गए। इस पूरे मामले की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक भी पहुंच चुकी है, फिर भी अब तक किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मामला देवभोग क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत झाखरपारा का है जहां पंचायत ने विभिन्न विकास मंद राशि को आहरण कर बंदरबाट किया गया है, जिससे यह पता चलता है कि इसे गोपनीयता नीति में दबे-छिपे ढंग से की गई है। यह सवाल उठता है ,कि जब विकास कार्यों के लिए राशि जारी की गई थी, तो क्या अधिकारी और संबंधित विभाग को इसकी जानकारी नहीं थी ? आखिर सरपंच और सचिव ने विभिन्न मंद राशि को गोपनीयता से कैसे आहरण कर सकते है, जब तक कि अधिकारियों की मिलीभगत न हो ?
पार्दर्शिता और त्वरित निराकरण हेतु स्थलिय निरीक्षण
जब इस मामले में ग्राम पंचायत झाखरपारा में गठित टीम जांच पड़ताल करने पहुंची तो वहां मौजूद लोगों ने बताया कि गांवों में विकास कार्य को लेकर सरकार गंभीर रूप से लिया गया है और उसी दौरान विभिन्न योजनाओं को लागू किया जा रहा है, तो उसे लेकर विभिन्न मंद राशि ग्राम पंचायतों में स्वीकृत किए गए है। लेकिन इधर संबंधित ग्राम पंचायत जनकल्याण कार्यों को राशि को आहरण कर खोखला कर दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य शून्य दिखाई दे रही है, तो जागरूक नागरिकों ने भ्रष्टाचार को उजागर करने उच्च कदम उठाए और लिखित माध्यम से प्रशासन को अवगत करवाई गई थी, जिसमें उक्त अधिकारी व कर्मचारीयों ने झाखरपारा पंचायत पहुंच कर शिकायत के अनुरूप ही जांच पड़ताल किया गया।
15 वां मूलभूत से विभिन्न मंदों राशि आहरण कर दुरूपयोग
स्थानीय ग्रामीणों और सूत्रों का कहना है कि यह मामला ग्रामीण विकास मंद राशि 15 वां मूलभूत से कराए गए विभिन्न निर्माण कार्य को लेकर लाखों रुपए गबन किया गया है। इस मामले को गंभीरता से जांच पड़ताल करने ग्रामीणों और गांव के वरिष्ठ समाजसेवक देवी सिंह ध्रुवा ने लिखित रूप से शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
गांव के मुखिया और ग्रामीणों आरोप त्वरित निराकरण की मांग
गांव के वरिष्ठ गणमान्य नागरिक देवी सिंह ध्रुवा , विनोद ध्रुवा, भगवानों बेहेरा,यशवंत कुमार ध्रुवा,जदू राम यादव व अन्य सभी ग्रामीण जनताओं ने आरोप लगाया है कि झाखरपारा पंचायत में सचिव नायक और सरपंच ने सरकारी राशि को केन्दूवन और झाखरपारा में गलियों की साफ-सफाई में दो लाख छह हजार तीन सौ रुपए को आहरण कर लिया गया है । गांव में नलकूप साफ-सफाई में 19 हजार रुपए, झाखरपारा शनिवार सप्ताहिक बाजार की निलामी 4 लाख 65 हजार रूपए को ग्राम पंचायत ने उसमें भी धांधली करके 2 लाख रुपए को हड़प लिया गया है। तथा पंचायत भवन में एक टेबल और दो चार बिजली बोर्ड में कुल लागत राशि 66 हजार 8 सौ 2 रूपए खर्च कर दिए गए है, ग्रामीण इन सभी तथ्यों को लेकर भी काफी नाराजगी जताई जा रही है। इस तरह की धांधली को बाहर उजागर करने के लिए ग्रामीण जनताओं ने लिखित माध्यम से शिकायत आवेदन संबंधित विभाग में पेश कि गई थी तो उसी दरम्यान देवभोग जनपद पंचायत जांच टीम ने मौके पर पहुंचे 4/11/2025 दिन, मंगलवार को जनपद पंचायत के आरईएस एसडीओ राधाकृष्ण शर्मा की चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर संबंधित शिकायत ग्राम पंचायत में पहुंची थी, जिसमें त्वरित जांच पड़ताल कि गई है । अब यह देखना होगा कि आवेदन पत्र में 13 बिंदु पर लिखी गई आरोप लगाकर जांच के लिए ग्रामीणों ने आवेदन किया था। जिसमें मुख्य रूप से
विभिन्न मंद राशियों को आहरण कर दुरूपयोग किया गया है।इसकी तहकीकात किया गया है, क्या इस विषय पर उक्त अधिकारी व कर्मचारी पार्दर्शिता जबावदेही से जनता को न्याय दिलाने में सहायक सिद्ध होता है या इस मुद्दे को कोरों कागज पर ही सीमित रह जाएगी।
ग्रामीण जनताओं ने बताया जांच की जल्द हो कार्यवाही
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, भविष्य में ऐसे मामलों पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। ग्रामीणों का मांग है कि जांच में पार्दर्शिता होता है और ग्रामीणों के शिकायत पर सरपंच सचिव पर कार्रवाई कब-तक होगी।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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