राजधानी से जनता तक|श्रीनगर। जम्मू और कश्मीर में तीर्थयात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद इस मामले में लगातार अपडेट सामने आ रहे हैं. घाटी से मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक अब इस आतंकी हमला करने वालों की खैर नहीं है. इसके लिए सेना की ओर से घेराबंदी शुरू हो गई है. सेना और सीआरपीएफ की कुल 11 टीमों को इन आतंकियों की तलाश में तैनात कर दिया है. बता दें कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को ठिकाने लगाने के लिए अब सेना एक्शन मोड में है. इसके लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है. दरअसल बस पर हमला करने के बाद सभी आतंकी जंगल की ओर से भाग गए थे. यही वजह है कि सेना के जवानों ने अब रियासी जंगल को पूरी तरह घेर लिया है. रियासी के जंगलों में आतंकियों को खोजने के लिए कमांडो के साथ-साथ ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. ड्रोन के जरिए जंगल के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है और जहां पर आतंकियों की गतिविधि की जानकारी लगेगी वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी. 9 जून रविवार को जब नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेना थी, उसी दिन जम्मू-कश्मीर में सुबह तीर्थयात्रियों की बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि ये आतंकी पहले से ही घात लगाकर बैठे थे. इस हमले में 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. वहीं 41 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे. हमला जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में हुआ. तीर्थयात्रियों से भरी बस शिवखोड़ी मंदिर से माता वैष्णोदेवी मंदिर की ओर लौट रही थी. आतंकियों ने सबसे पहले बस के ड्राइवर पर निशाना साधा और उसे गोली मारी. इस अटैक के बाद ड्राइव का बस से नियंत्रण छूट गया और बस नीचे खाई में जा गिरी. इसके बाद भी आतंकी बस पर फायरिंग करते रहे इसमें ड्राइवर और कंडक्टर दोनों ही मौके पर ही मौत हो गई. इस मामले की जांच में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी यानी एनआईए जुटी है. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेसिसटेंस फ्रंट ने ली है. टीआरएफ को 2023 में भारत ने आतंकी संगठन घोषित कर दिया था. बहरहाल घटना स्थल पर अब भारतीय सेना और सीआरपीएफ का जॉइंट ऑपरेशन जारी है. किसी भी वक्त इन गुनहगारों को शिकंजे में लिया जा सकता है
Author: Sangam Dubey
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