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स्कूली वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों का किया जा रहा परिवहन: दुर्घटनाओं की बनी रहती है आशंका

राजधानी से जनता तक । कोरबा । संगम दुबे । शहर में स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को लेकर ऑटो चालकों की लापरवाही गंभीर चिंता का विषय बन गई है। ऑटो रिक्शाओं में क्षमता से अधिक बच्चों को बिठाकर ले जाया जा रहा है, जिससे न केवल बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। शहर के बालको, कोरबा, बाकीमोंगरा, कटघोरा समेत विभिन्न क्षेत्रों में यह समस्या आम होती जा रही है। नियमों के अनुसार ऑटो में सीट की क्षमता से अधिक बच्चों को ले जाने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन कई ऑटो चालक इस नियम का उल्लंघन करते हुए बच्चों ठूंस ठूंस कर दिया बिठा रहे हैं। बच्चों के बैग और तंग जगह में बैठने की स्थिति न केवल असुविधाजनक है, बल्कि यह आपातकालीन स्थिति में बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

ऑटो चालक के बगल सीट पर बैठ रहे छात्र

ऑटो चालक क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने के साथ उनके सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रख रहे हैं, अधिकांश ऑटो में देखा गया कि ऑटो चालक बच्चों को अपनी बगल वाली सीट पर बिठाकर वाहन चलाते नजर आए जिसमें साइड ग्रिल भी मौजुद नहीं दिखे, जिससे उनके नीचे गिरने का खतरा हर वक्त बना रहता है। ऐसे स्थिति में कभी किसी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

मौज मस्ती के बीच सुरक्षा का नहीं ध्यान

स्कूल से छुट्टी होने के बाद बच्चे ऑटो से यात्रा कर अपने घर की ओर जाते हैं इस बीच मौज मस्ती करते हुए वे ऑटो के बाहर अपना आधे से ज्यादा भाग बाहर निकलते हुए भी नजर आए। ऑटो के चारों तरफ बच्चों के स्कूल बैग्स लटके होते है। ऐसे में ऑटो का संतुलन बना पाना भी मुश्किल हो जाता है।

चालकों की लापरवाही से कई बार हो चुके है हादसे

स्कूल बस ऑटो एवं टाटा मैजिक सम्मिट कई वाहनों को परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इन वाहनों को चलाने वाले चालक भी कई बार लापरवाही पूर्वक वाहन चलते हुए नजर आए बता दे की बाल को दीपिका एवं कोरबा समेत अन्य स्थानों पर छात्रों से भारी वाहन सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए हैं, जिसमें छात्रों को चोटें भी आई है।

अभिभावक भी छात्रों के सुरक्षा को लेकर नहीं है गंभीर

गली मोहल्ले से बड़ी संख्या में छोटे बच्चे स्कूल ऑटो एवं अन्य साधनों से जाते हैं, अधिकांश ऑटो में 10 से 12 से अधिक बच्चे एक बार में सवार होकर स्कूल के लिए यात्रा करते हैं, जिनसे उन्हें बैठने में भी असुविधा होती है साथ ही सुरक्षा में भी बड़ी चूक नजर आती है बावजूद इसके अभिभावक भी सुरक्षा को लेकर लापरवाह नजर आते हैं।

वर्जन:- इसपर हम कार्यवाही कर रहे है, स्कूलों से इस संबंध में बात भी की जाती है, तथा रोड सेफ्टी की मीटिंग में भी उक्त बातों को स्पष्टता से रखा जाता है।

विवेक सिन्हा
जिला, परिवहन अधिकारी
जिला कोरबा

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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