ओबीसी आरक्षण के लिए ओबीसी महासभा ने की प्रेस वार्ता, आंदोलन की चेतावनी

राजधानी से जनता तक

रायपुर ओबीसी महासभा ने छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय एवं पंचायत राज संशोधन अध्यादेश 2024 में ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। राजधानी रायपुर के प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में महासभा ने आरक्षण की पर्याप्तता को लेकर असंतोष जताया और मांगें पूरी न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम ने कहा, “गुलाम भारत में ओबीसी की जातिगत जनगणना हो सकती थी, तो स्वतंत्र भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता?” उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदाय 27% आरक्षण के लिए विगत 30 वर्षों से इंतजार कर रहा है, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। राधेश्याम ने बताया कि 3 दिसंबर 2024 को जारी छत्तीसगढ़ राजपत्र के अनुसार, संशोधित अध्यादेशों में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे अनुसूचित जातियों और जनजातियों को 50% या उससे अधिक आरक्षण देने की स्थिति में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए स्थान आरक्षित नहीं किए जाएंगे। यह ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि पंचायत राज अधिनियम और नगर पालिका निगम संशोधन अध्यादेश में ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण की पर्याप्तता सुनिश्चित नहीं की गई है। अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत ओबीसी समुदाय के लिए भी आरक्षण बढ़ाने की मांग की गई, जो सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़ा है।

संविधान के प्रावधान और न्यायालय का संदर्भ

राधेश्याम ने संविधान के अनुच्छेद 16(4) का हवाला देते हुए कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों के विशेष परिस्थितियों को देखते हुए 50% आरक्षण की सीमा को शिथिल किया जा सकता है। महासभा ने मांग की कि ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण बढ़ाया जाए और इसे संविधान के अनुरूप लागू किया जाए। महासभा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ओबीसी आरक्षण में बढ़ोतरी के लिए कदम नहीं उठाती है तो राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। महासभा ने 13 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री और विधायकों को ज्ञापन सौंपा था। 29 दिसंबर को प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन किया गया, जिसके तहत बस्तर में स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि “बस्तर बंद” की स्थिति निर्मित हुई। यह विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम के साथ उपाध्यक्ष परशुराम सोनी, महासचिव युगल किशोर, बस्तर संभाग अध्यक्ष दिनेश यदु, महिला मोर्चा की खिलेश्वरी, युवा मोर्चा के अध्यक्ष चंदू देवांगन, और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। ओबीसी महासभा ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार समय रहते इस मामले को सुलझाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती, तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन होगा।

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Author: Rajdhani Se Janta Tak

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