छुरा (गरियाबंद): प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत छुरा ब्लॉक में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है, जहां बिना निर्माण कार्य किए ही फर्जी जिओ टैगिंग कर हितग्राही के खाते में दो किस्तों में कुल 95,000 रुपये की राशि जमा करवा दी गई। मामला ग्राम पंचायत मेडकीडबरी का है, जहां रोजगार सहायक राजकुमार यादव पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप है। शिकायत के बाद जनपद पंचायत छुरा द्वारा जांच कर रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय भेजी गई, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा आवास घोटालों पर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं, बावजूद इसके जिला पंचायत सीईओ की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। बताया गया है कि जांच में यह पुष्टि हुई कि हितग्राही लोकसिंह नायक द्वारा आज तक आवास निर्माण का कार्य शुरू भी नहीं किया गया, न कोई गड्ढा खुदा, न दीवार खड़ी हुई — इसके बावजूद दो किस्तें जारी कर दी गईं। शिकायतकर्ता नरेश कुमार द्वारा सीईओ, जिला पंचायत गरियाबंद को आवेदन सौंप कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की थी। जांच टीम ने 29 अप्रैल 2025 को ग्राम पंचायत मेडकीडबरी में सरपंच, सचिव और ग्रामीणों की मौजूदगी में जांच की और आरोपों को सत्य पाया। जनपद पंचायत ने रिपोर्ट तत्काल जिला पंचायत को भेजी थी, पर अब तक कार्रवाई का इंतजार जारी है। अब नजरें शनिवार को ग्राम चरौदा में आयोजित सुशासन तिहार समाधान शिविर पर टिकी हैं, जहां प्रभारी मंत्री के सामने यह मामला उठने की संभावना है। उम्मीद की जा रही है कि उच्चस्तरीय हस्तक्षेप के बाद ही प्रशासन हरकत में आएगा। यह पहला मामला नहीं है, हाल ही में सोरीदखुर्द में भी आवास सर्वे के नाम पर वसूली करने पर रोजगार सहायक और मेट को निलंबित किया गया था और सरपंच के खिलाफ धारा 40 के तहत कार्रवाई चल रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या इस बार भी भ्रष्टाचारियों पर राजनीतिक चुप्पी साधी जाएगी या जनता को न्याय मिलेगा?


Author: Rajdhani Se Janta Tak
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