अब माफिया नहीं, कानून बोलेगा — गरियाबंद में अवैध रेत खनन के खिलाफ 24×7 एक्शन मोड में प्रशासन

टास्क फोर्स का गठन, चौकियों पर निगरानी तेज, सवाल यह कि क्या अमल भी होगा या सब कुछ रहेगा कागज़ी?

थनेश्वर बंजारे

गरियाबंद-:गरियाबंद जिले में लंबे समय से जारी अवैध रेत खनन और खनिजों के काले कारोबार पर नकेल कसने के लिए प्रशासन अब एक्शन मोड में नजर आ रहा है। आज विधायक रोहित साहू की पहल पर कलेक्टर बी.एस. उइके, पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा, डीएफओ, एसडीएम राजिम और खनिज अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों की एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में खनिज माफियाओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के ठोस फैसले लिए गए।

24 घंटे निगरानी, टास्क फोर्स गठित

प्रशासन ने तय किया है कि अब राजिम स्थित वनोपज जांच चौकी पर 24 घंटे निगरानी की जाएगी। इसके लिए एक विशेष जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है, जो अवैध खनिज परिवहन और उत्खनन पर दिन-रात नजर रखेगी। चिन्हित संवेदनशील क्षेत्रों में सघन गश्त और निगरानी की भी व्यवस्था होगी।

जीरो टॉलरेंस’ की नीति, माफियाओं में दहशत

बैठक में तय किया गया कि अवैध खनन पर अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। विधायक साहू और कलेक्टर उइके ने निर्देश दिए कि प्रभावशाली व्यक्तियों पर भी नियमों के तहत समान रूप से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। खनिज अधिकारी ने दावा किया कि अब तक की कार्रवाईयों से माफिया वर्ग में भय का माहौल बना है, और अब आर्थिक दंड के साथ जेल भेजने की प्रक्रिया और तेज की जाएगी।

एसपी की चेतावनी — अब हर अपराधी पर कसेगा शिकंजा

एसपी निखिल राखेचा ने कहा कि जिले में जो कोई भी कानून तोड़ेगा, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस लगातार निगरानी और कार्रवाई की दिशा में काम कर रही है।

लेकिन बड़ा सवाल — क्या होगा सख्ती का धरातल पर अमल?

प्रशासन के इन फैसलों के बावजूद बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सख्ती सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाएगी या ज़मीन पर भी उतरेगी?

क्योंकि अब भी देखा जाए तो चौबेबंधा, पितइबंद, बकली सहित कई स्थानों पर अवैध रेत उत्खनन बदस्तूर जारी है। पत्रकारों और ग्रामीणों पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन अब तक दोषियों पर निर्णायक कार्रवाई नहीं हुई है।

अब देखने वाली बात होगी कि यह टास्क फोर्स और 24×7 निगरानी की व्यवस्था सिर्फ औपचारिक बनकर न रह जाए, बल्कि वास्तव में माफियाओं पर कार्रवाई करते हुए जिले की नदियों और पर्यावरण को बचाने का कार्य करे।

प्रशासन के लिए अब वक्त है खुद को साबित करने का, क्योंकि जनता सवाल पूछ रही है — ‘क्या अब भी माफिया ही चलाएंगे राज?’

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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