जिला प्रमुख नवीन दांदडें

सुकमा – जिले में मुख्यधारा से जुड़कर शांति का मार्ग अपनाने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास को गति देने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक सराहनीय कदम उठाया है। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देश एवं जिला पंचायत सीईओ श्री मुकुन्द ठाकुर के मार्गदर्शन में पुनर्वास केंद्र में विशेष शिविर आयोजित कर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लाभों से उन्हें जोड़ा गया। मनरेगा बकार्ड धारक परिवारों को उनके ही गांव में 100 दिनों का वैधानिक रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, साथ ही 261 रुपये दैनिक मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाता है।
शिविर के दौरान सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों ने योजना का लाभ लेने और जॉबकार्ड बनवाने हेतु सहमति व्यक्त की। प्रशासन की पारदर्शी और प्रोत्साहनात्मक प्रक्रिया के फलस्वरूप 62 पुरुष एवं 43 महिला, कुल 105 आत्मसमर्पित नक्सलियों के जॉबकार्ड बनाकर वितरण किए गए।
इसके अतिरिक्त आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देते हुए आजीविका डबरी निर्माण, बकरी शेड, मुर्गी शेड, सूअर शेड जैसे हितग्राहीमुखी कार्यों की प्रक्रियाओं और लाभों की भी जानकारी दी गई, जिससे आत्मसमर्पित युवक और महिलाएँ भविष्य में स्थायी आय के साधन विकसित कर सकें। शिविर के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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