कोई भी धर्म प्रदूषण बढ़ाने को बढ़ावा नहीं देता, सालभर पटाखा बैन पर विचार करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने आज सवाल किया कि पटाखों पर स्थायी, राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया और दिल्ली में सिर्फ खास महीनों के दौरान ही प्रतिबंध लागू किए जाते हैं, जबकि राजधानी में वायु प्रदूषण साल भर मुद्दा बना रहता है। सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा माना जाता है कि कोई भी धर्म किसी भी ऐसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण को बढ़ाती है या लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाती है। जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि अगर पटाखे इसी तरह से फोड़े जाते रहे तो इससे नागरिकों का सेहत का मौलिक अधिकार प्रभावित होगा। अदालत ने कहा, “सिर्फ़ कुछ महीने ही क्यों? वायु प्रदूषण तो पूरे साल बढ़ता ही रहता है!” अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि मौजूदा आदेश त्योहारी मौसम और उन महीनों में वायु प्रदूषण पर केंद्रित है जब हवा दिल्ली में प्रदूषण को बढ़ाती है। हालाँकि, पीठ इससे सहमत नहीं थी और उसने सुझाव दिया कि स्थायी प्रतिबंध पर विचार किया जाना चाहिए। बता दें कि दिल्ली में अभी अक्तूबर से नए साल तक ही पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाता है। इसके बाद कोई बैन नहीं होगा, लेकिन आप सरकार इस बीच भी सख्ती से इसे लागू करने में विफल हो रही है। अब यही देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि दिल्ली में सालभर पटाखा बैन पर 25 नवंबर से पहले फैसला लें।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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