क्यों कराया जा रहा है खदान बंद होने के बाद भूमि का नामांतरण ?

एसईसीएल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल…. क्या खदान खोलने से पहले भूमि का कराया जाता है नामांतरण या खदान होने के बाद ?
क्या जिस भूमि का नामांतरण खदान बंद होने के बाद कराया जा रहा है उक्त भूमि के बदले भूस्वामी को दिया गया मुआवजा, नौकरी ?
मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक. सूरजपुर/भटगांव:– एसईसीएल के भटगाँव क्षेत्र में खदाने चालू करने के समय भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया करने के बजाए खदानों के बंद होने बाद की जा रही हैं। खदान प्रारंभ करने से पूर्व ही भूमि स्वामी को मुवावजा जैसे अन्य प्रक्रिया पूरी करने बाद भूमि का नामांतरण भूमि स्वामी के नाम से एसईसीएल कंपनी के नाम किया जाना होता है परंतु एसईसीएल कि कई खदानों में भूमि स्वामी के नाम ही भूमि रही और उस भूमि का खनन कर कोयला कंपनी ने निकाला जब खदानें बंद हुई जब खदानों का क्लोजर प्लान बनाने का वक्त आया तब एसईसीएल प्रबंधन भटगांव को ध्यान आया कि अब एसईसीएल के नाम भूमि का नामांतरण किया जाना आवश्यक है वही गंभीर विषय यह है की जो प्रक्रिया प्रारंभ में होनी चाहिए वह प्रक्रिया दस से पंद्रह वर्ष बाद खदानों के बंद होने के बाद की जा रही है ऐसा क्यों ?
एसईसीएल महान वन – ओसीएम का है मामला
एसईसीएल महान वन ओसीएम कपसरा ग्राम में स्थित है खदान है जो वर्षो तक कोयला निकाला गया यह और वर्तमान में दिसंबर 2021 से खदान में खनन कार्य बंद पड़ा है पर आज दिनांक तक भूमि स्वामी के नाम ही खदानों कि भूमि दर्ज है। राजस्व विभाग में अभी एसईसीएल प्रबंधन द्वारा तहसीलदार और एसडीएम के नाम आवेदन किया गया है कि उक्त भूमि का नामांतरण एसईसीएल कंपनी के नाम किया जाए। उक्त आवेदन में भूमि का रकबा, खसरा समेत सभी जानकारी दर्ज है।
एसईसीएल के कार्य शैली पर उठ रहे जो खदान बंद होने के बाद कराया जा रहा है भूमि का नामांतरण
एसईसीएल महान वन – ओसीएम खदान में प्रबंधन एक व्यक्ति को बैठा कर प्रतिदिन भूमि का नामांतरण परिवर्तन का कार्य कराया जा रहा है ऐसी स्थिति को लापरवाही व अनियमितता कही जाए जो ऐसा मामला एसईसीएल भटगाँव क्षेत्र के प्रबंधन कि कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है।

यह भी पढ़ें

[democracy id="1"]
September 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  

टॉप स्टोरीज