झाखरपारा धान उपार्जन केन्द्र में धान खरीदी में घोटाला मामले में हुई पुनरावृत्ति सिर्फ प्रबंधक को हुआ जेल 

राजधानी से जनता तक/चरण सिंह क्षेत्रपाल 

गरियाबंद (देवभोग )- छतीसगढ़ राज्य गरियाबंद जिले के देवभोग मुख्यालय से करीबन 8-10 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत झाखरपारा धान खरीदी उपार्जन केन्द्र में विगत वर्षों की भाति बार-बार वही गलती को क्यों दोहराई जा रही है। इसके पहले सहकारी समिति के प्रभारी सहित पूरे स्टाफ ने सलाखों में कैद हुए थे। इसी तरह इस बार भी धान खरीदी विपणन वर्ष 2024-25 में भी सबसे बढ़ी घोटाले की मामले को अंजाम दिया गया है। जिसमें 32 लाख रुपए से भी अधिक राशि की हेरा-फेरी का मामला अकेला खरीदी प्रबंधक चंदन सिंह राजपूत ही दोषी पाया गया।भारी मात्रा में रकम घोटाले में केवल प्रभारी ही सलाखों में बंद हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में एक बार नहीं है बल्कि यह बार-बार वही गलती को लगातार दोहराई गई है।

300 क्विंटल धान की भरपाई हो सकता है अपना हिस्सा हो

धान खरीदी विपणन वर्ष 2024-25 में 32.95 लाख भारी भरकम राशि का घोटालेबाज हुआ है। खरीदी उपार्जन केन्द्र में 1363.20 क्विंटल धान के साटेज हुआ था , जैसे ही साटेज का मालूम होने से खरीदी प्रभारी ने 300 क्विंटल धान भरपाई कर दिया गया। और बाकी शेष रह गया 1063 क्विंटल धान मन ये प्रश्न उठता है, कि बाकी बचे हुए साटेच कहीं किसी और का तो नहीं है ? खरीदी प्रबंधक ने अपने हक़ का 300 क्विंटल धान तो भरपाई कर चुका है, अब रही बात तो 1063 क्विंटल धान की।

सबको चौंकाने वाली बात जांच टीम एक बार नहीं तीन बार भौतिक सत्यापन मामला को उजागर नहीं किया गया

झाखरपारा धान खरीदी उपार्जन केन्द्र का मामला सुर्खियों में रहा है । सबसे बड़ी सवाल खड़े कर रहा है कि इन मामलों में आखिर कौन हैं मास्टरमाइंड,जो मामला का अंजाम दे कर कुल माइंड में गेम खेल दिया है। लोगों के मन में बहुचर्चित है कि सिम्पल और ज्यादा ताम-झाम नहीं रखने वाला व्यक्ति खरीदी प्रभारी अकेले इस मामले को अंजाम दे सकता है, पब्लिक और पोलीटिसियों के गले में उतर रहा है। कहीं चंदन सिंह राजपूत को इस बहुचर्चित घोटाले में मोहरा तो उसे नहीं बनाया जा रहा है।रही बात खरीदी से उठाव के बीच तत्कालीन खरीदी नोडल अधिकारी सिदार जो कि पीएचई विभाग के अधिकारी ने तीन तीन बार भौतिक सत्यापन किया गया, लेकिन यह मामला क्यों उजागर नहीं हुआ। खरीदी में लगे नोडल से लेकर उड़नदस्ता के जिम्मेदार लोगों पर भी सवालिया निशान लग रहा है।

झाखरपारा धान खरीदी उपार्जन केन्द्र में बीते साल 2014-15 में पुनरावृत्ति हुई जिम्मेदार पुराने घोटाले का ध्यान नहीं आई

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी वर्ष 2014-15 में किसानों से प्रति क्विंटल दर से खरीदी गई, तो उसी दौरान झाखरपारा धान खरीदी उपार्जन केन्द्र में बड़ा घोटाला का खुलासा हुआ था। करोड़ों की घोटाले में तब समिति अध्यक्ष के प्रबंधक, सदस्य , लिपिक व अन्य कर्मी सहित पूरे स्टाफ को जेल जाना पड़ा था। पहले से ही झाखरपारा धान खरीदी उपार्जन केन्द्र सुर्खियों में रहा है, समिति को मिलने वाली कमीशन को काट कर भरपाई की जा रही है। जिसके चलते वहां के कर्मचारियों को तीन चार वर्ष से मानदेय नहीं मिल पा रही है। आखिर ये बात खरीदी सम्पन्न हुई तो जिम्मेदार अधिकारी को याद क्यों नहीं आया कि ऐसे घोटाले पहले भी हुई थी जिसमें समिति के सभी लोगों को दण्डित हुई है,यह मन में ख्याल क्यों नहीं आया। घोटाला की पुनरावृत्ति ना हो इस बात कि चिंता क्यों नहीं किया गया ? इन तमाम बातों से जनता और जनप्रतिनिधियों के मन में सवालिया निशान लगा रहे है।

किसानों से एक दो किलो अतिरिक्त तोलाई फिर भी 1495 क्विंटल धान सुखत कैसे

किसानों से धान खरीदी गई तो उसी वक्त किसानों से सुखत के नाम से एक दो किलो ज्यादा तोलाई किया जाता था किंतु सवाल खड़ा हो रहा है कि खरीदी केंद्र में सार्टेज 2408.20 क्विंटल में से 1495 क्विंटल धान सार्टेज हो गया। कहीं सुखत के नाम घटायें गए उपार्जन भी घोटाले का हिस्सा तो नहीं? ये सवाल निशान भी उपार्जन केन्द्र पर लग रहा है।

निगरानी से शासन द्वारा नियुक्त प्राधिकृत अधिकारी को डर पद से इस्तीफा देने की विचार

धान खरीदी उपार्जन केन्द्र में बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया है, जिससे देखकर प्राधिकृत अधिकारी पदुलोचन जगत ने बकायदा इस मामले को जिला शासन -प्रशासन द्वारा आदेशित किये जाने से उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई। घोटाले की पुनरावृत्ति हुई तो खरीदी पर नजर रखने शासन द्वारा नियुक्त प्राधिकृत अधिकारी पदुलोचन जगत के मन में भी अब डर घर कर गया है। कहीं ऐसा और न हो कि उनपर घोटाले का दाग ना लग जाए। इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा देने की मन बना रहे है। वहीं अब तक बता रहे हैं कि कमीशन के चलते लंबे समय तक कमीशन ना मिलने से कर्मचारी भी काम छोड़ रहे हैं। इस बात से किसानों को डर है कि ऐसे मामलों में सुर्खियों में होने के कारण कहीं पंजीयन रद्द ना हो जाए। इसी बात की फिकर ज्यादा किसान कर रहे हैं। चूंकि घोटाले एक बार नहीं इसके साथ दो बार हों चुका है,यह मामला बडा गंभीर है। अब देखना ये होगा कि क्या वास्तव में शासन-प्रशासन पूरी मामला को टटोल मटोल कर वास्तव में जिसने दुबारा ऐसा हरकत किया है तो उसे तुरंत जांच पड़ताल कर दोषियों के ऊपर कार्रवाई कि जायेगी या खाली जगह की तरह विराम लग जाएगा। इस मामले पर सबकी नजरें टिकी हुई है।

प्राधिकृत अधिकारी पदुलोचन जगत ने बताया कि इस तरह की मामले को लेकर गंभीरता से लिया गया, और संबंधित खरीदी उपार्जन केन्द्र प्रभारी चन्दन राजपूत को कारण बताओं नोटिस एक बार नहीं बल्कि तीन चार बार भेजा गया। लेकिन किसी भी तरह कि जानकारी नहीं दी गई। जिसके कारण शासन -प्रशासन के द्वारा निर्देशित किया गया था कि लापरवाही बरतने पर उक्त व्यक्ति को कार्रवाई करने को निर्देश जारी कर आदेशित किया गया था, शासन-प्रशासन के आदेशानुसार खरीदी प्रभारी चन्दन राजपूत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस इन मामलों को जांच पड़ताल कर दोषी करार देते हुए हिरासत में ले कर जेल भेज दिया गया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अन्य दोषियों को भी पुलिस प्रशासन कंगाल रही है, यदि इन अपराध में नाम शामिल हैं तो अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ कर कानूनी कार्रवाई करते हुए उन्हें भी हिरासत में लिया जाएगा और जेल भेज दिया जाएगा।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

राजधानी से जनता तक न्यूज वेबसाइट के आलावा दैनिक अखबार, यूटयूब चैनल के माध्यम से भी लोगो तक तमाम छोटी बड़ी खबरो निष्पक्ष रूप से सेवा पहुंचाती है

यह भी पढ़ें

[democracy id="1"]
December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  

टॉप स्टोरीज