टमाटर हुआ सस्ता, थोक में चार-पांच रुपए का भाव

राजधानी से जनता तक । रायपुर । छत्तीसगढ़ में टमाटर (जवउंजव)के फसलों के बाजार में पहुंचने के बाद इसके दाम में भारी गिरावट आई है। एक महीने पहले इसके भाव थोक में 25-28 रुपए तो चिल्हर में 50-60 रुपए किलो थे, लेकिन पिछले दो सप्ताह से लोकल फसलों की आवक बढ़ते ही थोक मंडियों से चिल्हर बाजार (वसमेंसम उंतामजे.)में टमाटर के भाव में भारी गिरावट आई है।

थोक में 4-5 रुपए तो चिल्हर में 10-15 रुपए किलो की दर से टमाटर बिक रहे हैं। हालांकि आने वाले दिनों में टमाटर के भाव में और गिरावट आने की संभावना बहुत कम है, जिससे किसानों को टमाटर फेंकने की नौबत आने की आशंका भी कम नजर आ रही है। गत वर्षों में देखा गया था कि बंपर उत्पादन होने से टमाटर के भाव में इस कदर गिरावट आई थी कि किसानों का उत्पादन का खर्च निकलना तो दूर, तोड़ाई और खेत से मंडी तक ले जाने भाड़ा का खर्च तक निकल नहीं पाया था, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

प्रतिदिन 20-25 गाड़ियां पहुंच रही मंडियों में प्रदेश में टमाटर की अच्छी फसल होने के कारण मंडियों में टमाटर की आवक बढ़ी है। रायपुर की थोक मंडी में प्रतिदिन टमाटर की 20-25 गाड़ियां पहुंच रही है। इसके कारण थोक व्यवसायियों ने अब दूसरे राज्यों से टमाटर मंगाना बंद कर दिया है, जबकि एक माह पहले तक लोकल आवक कम होने से दूसरे राज्यों से प्रतिदिन 10-15 गाड़ियों की आवक थी, जिसके कारण टमाटर के भाव भी बढ़े हुए थे। गत वर्षों में टमाटर के बंपर उत्पादन के कारण होने वाले नुकसान से सीख लेते हुए किसानों ने इस बार समझदारी से टमाटर की खेती की है। प्रदेश में ज्यादातर किसानों ने टमाटर का उत्पादन 20-30 प्रतिशत घटाया है। उत्पादन घटाने के बावजूद प्रदेश में टमाटर की अच्छी फसल हुई है, जिससे मंडियों में टमाटर की आवक बढ़ने से इसके दाम में गिरावट तो आई है, लेकिन इससे किसानों को नुकसान नहीं हो रहा है। टमाटर की खेती करने वाले माठागांव निवासी किसान ललित सोनकर एवं कुम्हारी निवासी किसान हीरा यदु ने बताया कि इस बार टमाटर की फसल अच्छी जरूर हुई है, लेकिन बंपर नहीं हुई। इसके कारण टमाटर के भाव में और गिरावट आने की संभावना कम है। इस बार कई बड़े किसान टमाटर का उत्पादन दो किस्तों में कर रहे हैं। पहली किस्त की फसल खेतों से मंडियों में पहुंच चुकी है, वहीं दूसरे किस्त में टमाटर का उत्पादन किया जा रहा है। इन फसलों को पकने में लगभग एक-डेढ़ महीने का समय और लगेगा। इसके बाद दूसरी किस्त की फसलें भी जनवरी के खत्म होने तक मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाएंगी। कुम्हारी क्षेत्र के किसान अभिनेष त्रिपाठी ने बताया कि हर साल वह 14 एकड़ में टमाटर की फसल लगाता था, लेकिन इस बार दो किस्त में पहले 10 एकड़ में और शेष 4 एकड़ में नवंबर के आखिरी में फसल लगवाई है। दो किस्त में फसल लगाने से उसे नुकसान का भय नहीं है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय होता हुआ राजधानी से जनता तक दैनिक अखबार के साथ न्यूज पोर्टल, यूटयूब चैनल,जो दिन की छोटी बड़ी खबरों को जनमानस के बिच पहुंचाती है और सेवा के लिए तत्पर रहती है dainikrajdhanisejantatak@gmail.com

यह भी पढ़ें

[democracy id="1"]
October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  

टॉप स्टोरीज