क्या महिला एवं बाल विकास विभाग भैयाथान कर रहा है किसी बड़ी अनहोनी का इंतज़ार?

मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक. सूरजपुर/भैयाथान:– शासन की मंशा है कि नौनिहाल बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सुरक्षित वातावरण में पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, परंतु भैयाथान विकासखंड के कई आंगनबाड़ी केंद्रों की हकीकत कुछ और ही बयां करती है।

जर्जर भवन में लग रहा केंद्र, खतरे में मासूमों की जान
जनपद पंचायत भैयाथान के ग्राम पंचायत सुदामानगर (मोहल्ला खालपारा) स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भवन पूरी तरह जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। दीवारों में दरारें, छत से झड़ता पलस्तर और चारों ओर अव्यवस्था, इसके बावजूद इसी खंडहरनुमा भवन में रोज़ाना छोटे-छोटे बच्चे केंद्र में बैठने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि भवन कभी भी ढह सकता है, जिससे किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिर भी विभाग की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

जिम्मेदार अधिकारी कर रहे हैं कोरम पूरा?
स्थानीय लोगों का आरोप है कि महिला एवं बाल विकास विभाग, भैयाथान के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों का सही निरीक्षण तक नहीं करते। अधिकांश केंद्रों की स्थिति अत्यंत दयनीय है, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।

क्या किसी बड़ी घटना के बाद जागेगा विभाग?
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाया है कि क्या विभाग किसी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? जर्जर भवन में केंद्र चलाना सीधा-सीधा नौनिहालों के जीवन से खिलवाड़ है।
सुरक्षित भवन में केंद्र शिफ्ट करने की मांग
जनसामान्य की मांग है कि सुदामानगर खालपारा आंगनबाड़ी केंद्र को तत्काल किसी सुरक्षित भवन में स्थानांतरित किया जाए। साथ ही, संबंधित विभाग द्वारा नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाए ताकि बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके।

सवाल वही, जिम्मेदारी कौन लेगा?
आंगनबाड़ी जैसी संवेदनशील संस्थाओं में लापरवाही अस्वीकार्य है। अब देखना यह है कि भैयाथान महिला एवं बाल विकास विभाग इस गंभीर मामले पर कब तक आंख मूंदे बैठे रहेगा या फिर किसी हादसे के बाद ही जिम्मेदारी तय होगी?
 
				 
				 
															




