प्रकृति का पर्व होली में सामाजिक समरसता जरूरी : जे के वैष्णव

प्रकृति का पर्व होली में सामाजिक समरसता जरूरी : जे के वैष्णव

छुईखदान — फाल्गुन पूर्णिमा बसंतोत्सव 25 मार्च 2024 सोमवार को भक्तों एवं जय श्री जगन्नाथ सेवा समिति , योग समिति छुईखदान द्वारा होली उत्सव का आयोजन किया गया

। रानी मंदिर समिति के संरक्षक लाल जे .के . वैष्णव ने जानकारी दी कि प्रतिवर्षानुसार होलिका दहन की भभुति लेने के पश्चात दूसरे दिन रानी मंदिर परिसर में भक्तों द्वारा भगवान श्री लक्ष्मी नारायण जी की चरणों में गुलाल लगाकर , बताशा शक्कर माला , छत्तीसगढ़ी व्यंजन अईडसा , देहरौरी , कुसली गुजिया ,खाजा , करिलड्डु , सलौनी मठरी ठेठरी खुर्मी आदि भोग लगाकर होली उत्सव मनाया जाता है । जय श्री जगन्नाथ सेवा समिति के सदस्यों ने भगवान श्री राधाकृष्ण जी को गुलाल लगाकर होली भजन गाते एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली उत्सव मनाये ।

इस अवसर पर संजीव दुबे , आदित्य देव वैष्णव प्राचार्य , संजय महोबिया, लाल मनोज वैष्णव , आलोक बक्शी , संजय किशोर लल्ला , राजकुमार वैष्णव सदाबहार , डॉ. भद्र , दिलीप वैष्णव , प्रेमकिशन राधे , दिनेश महोबिया , लाल जितेन्द्र किशोर वैष्णव ,शरद डब्बू श्रीवास्तव , कमलेश यादव, बबलू संचेती, यादव गुरुजी , पुजारी अनिल रानी मंदिर , अशोक चन्द्राकर , मोहन जंघेल, सूरज यादव, सोहन पाल ,सहित बड़ी संख्या में भक्त जन शामिल रहे । महिलाओं एवं विशेष कर बाल गोपाल बच्चों का भी होली उत्सव में भक्त और भगवान के साथ होली खेलना बहुत आध्यात्मिक आनंद से सराबोर रहा ।

प्रकृति का पर्व होली की बधाई शुभकामनाएं देते हुए वैष्णव समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाल जे के वैष्णव ने स्वच्छता रखने पर स्वस्थ रहना, समाज में समरसता बनाने, जीवन में खुशियां बिखेरना को होली उत्सव कहा।

योग समिति के द्वारा संगीत कार्यक्रम ढोलक,नंगाडा, मंजीरा से दे दे बुलउवा राधे को सहित बहुत सारे होली उत्सव भजन प्रस्तुति दी गई।

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