नहरों की फर्जी मरम्मत दिखाकर करोड़ों की बंदरबांट, किसानों ने सौंपा एसपी को लिखित शिकायत

थनेश्वर बंजारे
गरियाबंद/फिंगेश्वर –
फिंगेश्वर सिंचाई अनुविभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। नहरों की फर्जी मरम्मत के नाम पर विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर 1 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बंदरबांट कर डाला। मामला तब उजागर हुआ जब किसान यादराम साहू ने आरटीआई के जरिए दस्तावेज निकाले और एसडीओ के साथ मौके पर निरीक्षण किया।
कैसे हुआ खुलासा
आरटीआई से निकले दस्तावेजों के मुताबिक –
फिंगेश्वर वितरक साखा नहर से जुड़े 9 माइनर नहरों को 56 जगहों पर क्षतिग्रस्त बताकर मरम्मत दिखाया गया।
कुल 1600 मीटर से ज्यादा हिस्से का भुगतान किया गया, जबकि मौके पर कोई काम नहीं मिला।कोरबा की दो ठेका कंपनियों को 4.46 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया।मजदूरों के नाम पर 2 लाख से ज्यादा की राशि भी निकाली गई, मगर मस्टर रोल रिकॉर्ड से गायब कर दिया गया।
किसानों का आरोप
किसानों का कहना है कि केवल यही नहीं, बल्कि फिंगेश्वर अनुविभाग में इसी तरह की 27 से ज्यादा नहरों और सिंचाई योजनाओं के नाम पर फर्जी मरम्मत दिखाकर करोड़ों का घोटाला किया गया है।
अफसरों की चुप्पी, फाइलें गायब
जैसे ही गड़बड़ी का राज खुला, डिविजन के अधिकारियों ने फिंगेश्वर एसडीओ के दफ्तर से मरम्मत कार्यों से जुड़ी फाइलें गायब करवा दीं। बड़े अफसर मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, वहीं एसडीओ अब भी जांच कराने पर अड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि गड़बड़ी के समय फिंगेश्वर अनुभाग का चार्ज अस्थायी तौर पर दूसरे एसडीओ को सौंपा गया था।
किसानों की नाराजगी
इस खरीफ सीजन में टेल एरिया के किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिली। नहरों की मरम्मत नहीं होने से किसानों ने दो बार दफ्तर का घेराव भी किया। बाद में आरटीआई से मांगी गई जानकारी में पूरा घोटाला सामने आया।शिकायत एसपी तक पहुँची
किसानों ने सत्यापित दस्तावेजों के साथ एसपी के समक्ष लिखित शिकायत सौंप दी है। अब पूरा जिला इस बात पर टिकाए है कि इस बड़े घोटाले में कब और किसके खिलाफ कार्रवाई होती है।यह सिर्फ भ्रष्टाचार की कहानी नहीं है, बल्कि किसानों की मेहनत और खेतों की सिंचाई से सीधा खिलवाड़ है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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