बाल विकास कल्याण समिति अनाथ दुर्गेश कुमार यादव को पहली किश्त 4000 रु सहायता राशि खाते में जमा होने से सुखद जीवन लौट आया

राजधानी से जनता तक । देवभोग । जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल । कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देशानुसार देवभोग विकास खण्ड के ग्राम- डूमरबाहाल के एक अनाथ बच्चा दुर्गेश कुमार यादव अभिभावक (नाना) राजेश कुमार यादव, उम्र 11 वर्ष, उनके माता-पिता बच्चपन में ही गुजर गए। इनको देखभाल, पालन पोषन नाना राजेश कुमार यादव ही कर रहा है। राजेश कुमार यादव अपने पोते को पालन पोषन करने में अपने जिंदगी को गुजार दिया।जब मां बाप बचपन में गुजर जाने के बाद राजेश कुमार यादव अपने पोते को कभी भी मां बाप की कमी कभी भी कमी महसूस होने नहीं दिया। वह हमेशा दुःख सुख में भी संभाल कर रखा, थोड़ा सा भी दर्द पीढ़ा होने पर वह तत्काल दवा पानी ईलाज करवाने अस्पताल ले जाया करता है। दुर्गेश को शासन -प्रशासन से राशन कार्ड तो मिला है। लेकिन पढ़ाई लिखाई व अन्य घरेलू सामाग्रियां खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे। वह अपने गांव के स्कूल प्राथमिक शाला में रोजाना पढ़ने लिखने के लिए जाता है। उनका नाना राजेश कुमार यादव ने कहा ,कि
छत्तीसगढ़ शासन -प्रशासन द्वारा प्रतिमाह चांवल तो मिलता हैं, किंतु घरेलू कामकाज व दैनिक उपयोग किए जाने वाले साबुन, कपड़े,तैल,व अन्य घरेलू सामाग्रियां खरीदने में पैसा की सख्त जरूरत होती हैं।इन सारे जरूरतमंद को पूरी करने के लिए पैसे की अभाव होने की वजह से जरूरतें आधा-अधूरा रह गया था। इसे पूरी करने किसी दूसरे व्यक्ति के पास कर्ज उठाकर ही आवश्यकता पूर्ति कि जाती थी । इसके बाद सर में क़र्ज़ का बोझ बढ़ने से बीते दिनों में आर्थिक तंगी से दैनिक जीवन यापन डगमगा गया। और घर की परिस्थितियां धीरे-धीरे खोखले होकर शून्य में विलीन हो गया । जैसे ही छत्तीसगढ़ शासन -प्रशासन से सहायता के लिए गुहार लगाई गई और संबंधित विभाग में आवश्यक दस्तावेज जमा करने के दरम्यान कुछ महीनों बाद दुर्गेश कुमार यादव को अब हर महीने से निरंतर उनके बैंक खाते में 4000/ हजार रुपए प्रति माह जमा हो रहा है। जबसे दुर्गेश के खाते में 4000/रू. जमा होने पर पिछड़ी हुई आर्थिक परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है। वह प्रति दिन स्कूल को शिक्षा अध्ययन करने के लिए खुशी-खुशी में जाता है। क्यों कि ग्रामीण बच्चों की तरह उन्हें भी घरेलू आवश्यक सामग्रियां खरीदने वह अपने खाते में जमा राशि आहरण कर खरीद सकता है , जैसा कि नया कपड़ा, कापी पेन, साबुन,तैल, व अन्य सभी जरूरतमंद वस्तुएं खरीदने में मदद मिल रही हैं, तो उसी वक्त से वह अपने नाना के साथ हंसी खुशी जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
11 वर्षीय अनाथ दुर्गेश कुमार यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन -प्रशासन व केंद्र सरकार को मैं कोटि कोटि नमन करता हूं, जोकि मुझ अनाथ बच्चा को इस उम्र में हंसी खुशी जीवन व्यतीत करने में मदद मिल रही हैं, इससे बड़ा ओर क्या भाग्य में लिखा है।जो मुझे प्रति माह 4000/ हजार रुपए दिए जा रहे हैं। मेरा आर्थिक स्थिति नीचे गिर गया था। शासन -प्रशासन ने मेरे डूबे जिंदगी को ऊपर उठायें और पुनः वापस सुखमय जीवन निर्वाह में काफी बदलाव लाने में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जिससे आर्थिक मोड़ में नई रोशनी लौटा कर आया , पहले घूट-घूट कर दलदल में जकड़ी हुई जीवन व्यतीत से अब दैनिक जीवन की दिनचर्या में कुशलता व सर्वश्रेष्ठ नतीजा उभर आया है

गरियाबंद बाल कल्याण समिति नोडल अधिकारी सेलेन्द्र कुमार नागदेवे ने कहा कि यह एक बाल कल्याण संस्था है, इस संस्था में बेसहारा,अनाथ, पीड़ित बच्चों को शासन -प्रशासन से सहायता मिलती हैं। जैसे पढ़ने लिखने खान पान रहन सहन अनाथालय के माध्यम से किया जाता है तथा बच्चें को प्रति माह भत्ते का भी दिये जाने का प्रावधान हैं।

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Author: Rajdhani Se Janta Tak

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