संवाददाता अशोक मनहर

बिलाईगढ़। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है। बिलाईगढ़ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अधिकांश रेंजों में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। सूत्रों के अनुसार, वन परिक्षेत्र के कई नाका और बीट कार्यालयों में तैनात सुरक्षागार्ड और कर्मचारी अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते हैं।
वन क्षेत्र में अवैध लकड़ी कटाई और तस्करी की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं, वन्य जीवो की सुरक्षा को लेकर भी विभाग सतर्क नजर नहीं आता, विभागीय निगरानी कमजोर पड़ गई है। जिन सुरक्षागार्डों को वन संपदा की रक्षा का जिम्मा सौंपा गया है, वे अक्सर नाका से गायब पाए जाते हैं। इससे अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है। हमारे मीडिया टीम ने वनरक्षक मुख्यालय पिरदा,बोडा डीह
आमा कछार, दर्रा, तेंदू दरहा, बेला दूल्हा गाताडीह,हरदी में जाकर देखा तो सचमुच जांच नाका में कोई अधिकारी कर्मचारी नजर नहीं आए।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि कई बार उन्होंने रेंज स्तर के नाकों में ताला बंद पाया है, जबकि वहां चौकीदार या सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं रहते। जब इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की जाती है, तो वे केवल “जांच की जाएगी” कहकर मामले को टाल देते हैं।
वहीं, सूत्रों का यह भी कहना है कि अधिकारी नियमित निरीक्षण करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं। वन क्षेत्र के कुछ रेंजों में महीनों से कोई औचक निरीक्षण नहीं हुआ है। इस कारण कर्मचारियों में अनुशासनहीनता बढ़ गई है।
वन विभाग की इस ढिलाई का फायदा अवैध लकड़ी माफिया और वन अपराधियों को मिल रहा है। कई जगहों पर रात के अंधेरे में ट्रैक्टर और मिनी ट्रक के माध्यम से लकड़ी की तस्करी की खबरें सामने आ चुकी हैं।ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि बिलाईगढ़ वन परिक्षेत्र के सभी नाकों और रेंजों का औचक निरीक्षण किया जाए और जो कर्मचारी ड्यूटी से गायब पाए जाएँ, उनके खिलाफ निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही क्षेत्रीय अधिकारी स्वयं मैदान में उतरकर स्थिति का जायजा लें ताकि वन संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आपको बता दे जब से बिलाईगढ़ में नए रेंजर बंजारे आए है तब से पूरे बिलाईगढ़ वन रेंज की स्थिति ज्यादा खराब हो गई है।
वन विभाग के उच्च अधिकारियों की चुप्पी अब सवाल खड़े कर रही है। यदि इसी तरह लापरवाही जारी रही तो आने वाले दिनों में वन क्षेत्र की स्थिति और अधिक गंभीर हो सकते हैं।
वन विभाग की लापरवाही को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दी अब जब जिनके कंधे पर जवाबदारी है वह अपनी सुरक्षा व्यवस्था रुकता नहीं रखेंगे और जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं देंगे तो सोच सकते हैं यहां विभाग की स्थिति क्या होगी अब वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को डीएफओ सारंगढ़ बिलाईगढ़ से उम्मीद है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कार्रवाई करेंगे
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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