ऋषि पंचमी पर देवरी गांव में नागों की अनोखी आराधना, हजारों की भीड़ बनी आस्था की गवाह

राजिम-:गरियाबंद जिले के राजिम क्षेत्र का देवरी गांव आज आस्था और परंपरा का अनोखा केंद्र बन गया। ऋषि पंचमी के अवसर पर यहां जीवित सांपों की पूजा की परंपरा ने एक बार फिर सबको आकर्षित किया। सुबह से ही जय सांवरा गुरु पाठशाला में पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू हुआ, जहां ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में नागदेवता की आराधना की।पूजा के बाद पूरे गांव में एक साथ सैकड़ों जीवित सांपों का भव्य जुलूस निकाला गया। जस गीतों की गूंज, भजन-कीर्तन और श्रद्धालुओं की जयकारों के बीच यह शोभायात्रा गांव के मुख्य मार्गों से होती हुई शीतला तालाब पहुंची। यहां ग्रामीणों ने पारंपरिक विधि-विधान से सांपों की पूजा कर उनका विसर्जन किया।
इस अद्भुत आयोजन को देखने के लिए दूर-दराज़ गांवों, कस्बों और शहरों से हजारों लोग पहुंचे। श्रद्धालुओं का मानना है कि नागदेवता की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में आने वाली विपत्तियों से रक्षा होती है।स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि देवरी गांव में नाग पूजा की परंपरा सदियों पुरानी है। पीढ़ी दर पीढ़ी यह अनोखी परंपरा आज भी जीवित है और ऋषि पंचमी पर पूरे गांव में पर्व जैसा माहौल रहता है।देवरी की यह परंपरा पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पड़ोसी ओडिशा और मध्यप्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी आस्था का बड़ा केंद्र बन गई है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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