मनरेगा अब जी राम जी 100 दिन के बजाय 125 दिन मिलेगी काम 

राजधानी से जनता तक/ चरण सिंह क्षेत्रपाल 

गरियाबंद/देवभोग – केन्द्र व प्रदेश सरकार कि मनरेगा में नये नियम लागू किया गया है, ग्रामीणों को 100 दिन के रोजगार गारंटी देने वाले मनरेगा योजना अब नया नाम व कलेवर में लागू होगी। मनरेगा यानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम केन्द्र सरकार ने इसका नया रूप विकसित भारत गारंटी फार रोजगार एंड आजिविका मिशन ( ग्रामीण) बिल 2025 अर्थात वीभी – जी राम जी तैयार कर लिया है।जो इसी शीतकालीन सत्र में लोकसभा में पेश किया गया।नए ग्रामीण रोजगार कानून का उद्देश्य” विकसित भारत 2047″ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। इसमें हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 की जगह 125 दिन मजदूरी आधारित रोजगार की गारंटी मिलेगी। बशर्ते परिवार के वयस्क सदस्य अकुशल श्रम के लिए तैयार हो। राज्यों को बुवाई और कटाई के पीक सीजन की अवधि बतानी होगी। इस अवधि में नए कानून के तहत कोई काम नहीं कराया जाएगा, ताकि कृषि कार्यों के लिए पर्याप्त मजदूर उपलब्ध रहे ‌। नई बिल के मुताबिक केन्द्र शासित राज्यों में 100% फंडिंग सरकार करेगी, लेकिन पूर्वोत्तर व हिमाचल राज्यों में केंद्र 90% तो राज्य 10% खर्च करेंगे। बड़े राज्यों में खर्च अनुपात 60.40 होगा।एनडीए की सहयोगी टी पी डी ने खर्च को लेकर चिंता जताई है।

मनरेगा योजना कब से लागू थी , इस पर कितना खर्च?

फ़रवरी 2006 में लागू हुई, इसमें आवेदन करने के 15 दिन के भीतर रोजगार देना अनिवार्य होता है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक तब से इस पर 11.74 लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इसमें से 7.8 लाख करोड़ रुपए 2014 से अबतक खर्च हुए हैं ‌‌।

क्या वाकई 100 दिन का काम मिलता है? नहीं जैसे 2024-25 में ज्यादातर मजदूरों को औसतन 50 दिन ही काम मिला।कोविड के दौरान यानी 2020-21 में रिकॉर्ड 7.55 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था। मनरेगा 2014 से अबतक 8 करोड़ लोगों तक रोजगार पहुंचाने में प्रभावी रही।

सरकार मनरेगा को हटाने का वजह है?

सरकार ने दो तर्क दिए हैं पहला ग्रामीण गरीबी,2025 में जब मनरेगा शुरू हुई तब ग्रामीण गरीबी बेरोजगारी बढ़ी चुनौती थी।2011-12 में ग्रामीण बेरोजगारी 25.7% में घटकर 2024-25 में 4.86% रह गई। आज ग्रामीण भारत की सामाजिक धार्मिक संरचना बदल गई है। दूसरी है गरीबी में गिरावट, डिजिटल भुगतान, बेंकिंग पहुंच और बेहतर कनेक्टिविटी के बावजूद मनरेगा में फर्जी काम, मशीनों का दुरूपयोग हुआ।2024-25 में करीब 194 करोड़ रुपए का दुरूपयोग सामने आया। सिर्फ 7.6% परिवार ही 100 दिन का रोजगार पूरा कर सकें।

नया ग्रामीण रोजगार कानून कैसे लागू होगा?

इसमें सार्वजनिक कार्यों को एकीकृत करके विकसित भारत नेशनल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक बनेगा।जल सुरक्षा कोर ग्रामीण अवसंरचना आजिविका से जुड़े प्रोजेक्ट रहेंगे।

अंतर: मनरेगा बनाम जी राम जी

पुरानी स्कीन – मनरेगा में 100 दिन रोजगार मिलता था, पहले 100 % पैसा केन्द्र खर्च करता था।15 दिन में काम नहीं मिला तो पहले 30 दिन बेरोजगारी भत्ता मजदूरी का एक चौथाई मिलेगा। ग्रामीण गरीबी दूर करना लक्ष्य था ‌।

नई तरीका – जी राम जी में 125 दिन काम मिलेगा। अब 60% केन्द्र और 40% राज्य का फंड।

आवेदन के 15 दिन में काम नहीं मिलता तो राज्य सरकार हर हफ्ते में बेरोज़गारी भत्ता देगी। अब विकसित भारत मिशन का हिस्सा है।

डिजिटल निगरानी

ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषदें और संचालन समितियां बनेंगी जो निगरानी करेगी। ग्राम पंचायत स्तर पर बनने वाले योजनाओं को पीएम गति शक्ति से जोड़ेंगे। ये योजनाएं जियो – स्पेशल सिस्टम, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और जिला व राज्य स्तर की योजना प्रणालियों से संचालित होगी, जिससे एकीकृत योजना बनेगी।

धोखाधड़ी रोकने का प्रावधान है

इसमें डिजिटल गवर्नेंस फ्रेमवर्क अनिवार्य है। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, जीपीएस और मोबाइल आधारित निगरानी रियल टाइम , डैशबोर्ड, प्रो – एक्टीव , डिस्क्लोजर, और योजना आडिट, आर्टिफिशियल , इंटेलिजेंस, टूल्स शामिल हैं। तथा विकसित भारत -जी राम जी से जल सुरक्षा होगी सुदृढ़ इन कार्यों पर रहेगा फोकस – जल संरक्षण, सिंचाई, भू-जल पुनर्भरण,जल स्रोतों का पुनर्जीवन , वाटर शेड विकास, वनीकरण, कार्य को शामिल किया गया है। प्रतिकूल मौसमीय घटनाओं से बचाव की तैयारी – इन कार्यों पर रहेगा फोकस जैसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रम केन्द्र , तटबंध, बाढ़ प्रबंधन संरचनाएं, पुनर्वास कार्य, वनाग्नि प्रबंधन इन कार्य को लेकर केंद्र व राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य को लेकर इन सभी तथ्यों को प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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