बिलासपुर :-जनपद पंचायत मस्तूरी के सरपंच संघ ने अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर शासन के नाम पर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया। क्षेत्र की कुल 131 ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने बताया कि वर्तमान पंचायती कार्यकाल प्रारंभ हुए 9 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक पंचायतों को 15वें वित्त आयोग की राशि प्राप्त नहीं हुई है। राशि जारी न होने से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास कार्य गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं।

सरपंचों का कहना है कि निधि मिलने पर गांवों में सड़क, नाली, सामुदायिक भवन सहित कई आवश्यक कार्यों को गति मिलेगी, परंतु बजट न मिलने से पंचायतें कार्यहीन स्थिति में हैं। सरपंच संघ ने अपनी दूसरी महत्वपूर्ण मांग में पंचों का मानदेय 2,500 रुपये तथा सरपंचों का मानदेय 10,000 रुपये प्रतिमाह किए जाने की आवश्यकता जताई।
प्रतिनिधियों का कहना है कि दायित्व और जिम्मेदारियां बढ़ी हैं, ऐसे में मानदेय वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप होना चाहिए। तीसरी मांग के रूप में पंचायतों को 50 लाख रुपये तक के निर्माण कार्यों के लिए अलग निर्माण एजेंसी का गठन करने की आवश्यकता बताई गई, ताकि पंचायतें बड़े स्तर के विकास कार्यों का निष्पादन स्वयं कर सकें और प्रक्रियाएं सुगम हो सकें।
इन तीनों मांगों को लेकर सरपंच संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो आगामी दिनों में उग्र धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इसके बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो जिला स्तरीय बड़ा आंदोलन आयोजित किया जाएगा। सरपंचों ने उम्मीद जताई कि शासन उनकी मांगों पर शीघ्र ही सकारात्मक निर्णय लेगा।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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