रामनवमी पर कवियत्री नेहा सिंह राजपूत की भक्तों की भक्ति पर अद्भुत रचना: *सुन भक्त प्रिय*

    छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी सुप्रसिद्ध कवियत्री *नेहा सिंह राजपूत* की रामनवमी के पावन अवसर पर भक्तों के भक्ति पर रचित अद्भुत रचना प्रस्तुत किया गया….

*सुन भक्त प्रिय*

राम नाम जपने वाले जरा मेरी भी तू सुन ले,

ऐसे ना मिलेंगे राम प्रिय मन के तल से उन्हें भज ले,

क्या हो आनंदित ऐसे ही या प्रसन्नता है मन की,

या परम धाम का ढूंढ पता तू मध्य मार्ग में भटके।

 

यदि बन जाओगे तुम लक्ष्मण और राम का संग चाहोगे,

तब राम बनेंगे अनुज और सुंदर विवेक वह देंगे।

यदि बनकर के सबरी जैसे छलमुक्त हो राह तकेंगे,

तब जुठे बेर भी खाने को मेरे राम निकट आएंगे।

 

यदि गुहाराज निषाद जैसी होगी मित्रता में शक्ति

एवं केवट सी प्रेमपूर्ण निश्छल भयपूरित भक्ति,

जब नहीं करोगे चूक कोई तथा दंभ का त्याग करोगे,

तब भवसागर से पार लगाने राम निकट आएंगे।

 

यदि भरत के जैसा त्याग भाव होगा प्रिय अंतर्मन में,

कुछ ना पाकर भी सुन लो प्रिय बैकुंठ में वास करोगे,

श्री राम ज्ञान के रुप यदि मॉं सीता भक्ति रस हैं,

यदि पा लोगे तुम भक्ति (सीता) रस, तो ज्ञान (राम) स्वयं संग होंगे।

 

भक्ति में ही है ज्ञान निहित पर ज्ञान तर्क में उलझे,

यह बुद्धि खेले संग तेरे तब मन इस मार्ग से भटके,

भक्ति में जन्म हो निष्ठा का और ज्ञान में स्व के दंभ का,

कहीं सीता रुपी भक्ति का प्रिय चंचल मन हरण ना कर ले।

 

है ज्ञान से भी बढकर भक्ति, हे भक्त! ध्यान यह धर ले,

हो सकता है कि दंभ तेरा, तेरे ज्ञान को भी कभी हर ले,

पर भक्ति तो ऐसा है रत्न, ना इसकी चमक धूमिल हो,

यह दंभ का भी खंडन कर दे, यह गांठ बॉंध कर रख ले।

 

इस राम नाम को साधने को सीता रुपी भक्ति कर ले,

ले भक्ति का ही आसरा प्रिय ना उलझ ज्ञान के भ्रम में,

“मैं” का तू कभी गुणगान ना कर, “हम” से ही जोड़ ले नाता,

तब होगा मिलन नारायण से मेरे राम निकट आएंगे।

 

रामभक्ति में समर्पित स्वरचित पंक्तियां. ..????

 

कवयित्री – नेहा सिंह राजपूत

बिलासपुर छत्तीसगढ़

Ravindra Tandan
Author: Ravindra Tandan

यह भी पढ़ें

[democracy id="1"]
October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  

टॉप स्टोरीज