बिलासपुर:- रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री इन दिनों स्टेशन कम और अघोषित ऑटो स्टैंड ज्यादा नजर आ रही है। हालत ऐसी कि न कोई नियम, न जांच, न रेलवे प्रशासन की मौजूदगी। नतीजा पूरे इलाके में ट्रैफिक जाम, अवैध कब्जा और अब तो खुलेआम गुंडागर्दी शुरू हो चुकी है।गजरा चौक और रनिंग रूम के आसपास ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का ऐसा कब्जा है कि यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सड़क किनारे ठेलों और खोमचों की लंबी कतार ने स्टेशन की एंट्री को पूरा बाजार बना दिया है। प्रशासन की चुप्पी ने कब्जाधारियों के हौसले और बढ़ा दिए हैं। अब स्थिति यह है कि यात्री से किराए को लेकर विवाद हो या रास्ते को लेकर चालक बदसलूकी और धमकाने से भी नहीं डर रहे।


ऐसा ही मामला तब सामने आया जब सिरगिट्टी ब्लैक डायमंड इलाके से एक ई-रिक्शा चालक चार यात्रियों को स्टेशन छोड़ने के नाम पर लाया, लेकिन स्टेशन पहुंचने की बजाय उन्हें गजरा चौक में ही उतार दिया। यात्री ने आपत्ति की तो चालक भड़क गया और मामला मारपीट तक पहुंच गया। पूरे दौरान न आरपीएफ दिखी, न रेलवे का कोई अधिकारी।रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन सच यह है कि निर्माण सामग्री सड़क पर बिखरी पड़ी है और आसपास का रास्ता पूरी तरह अव्यवस्थित। अवैध कब्जे अब इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं कि सेकेंड एंट्री का पूरा क्षेत्र असुरक्षित महसूस होने लगा है।स्थानीय लोग और यात्री एक ही सवाल पूछ रहे हैं।जब स्टेशन के ठीक सामने इतनी अव्यवस्था है, तो सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी कौन लेगा?अगर जल्दी कार्रवाई नहीं हुई, तो गजरा चौक रेलवे स्टेशन का हिस्सा नहीं… बल्कि अवैध बाजार और गुंडागर्दी का अड्डा बनकर रह जाएगा।

अवैध बाजार और गुंडागर्दी का ठिकाना बनेगा जल्दी
स्थानीय लोगों और यात्रियों का सवाल साफ है जब सेकेंड एंट्री के ठीक सामने यह हाल है, तो सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी कौन लेगा।अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो गजरा चौक रेलवे स्टेशन का हिस्सा नहीं, बल्कि अवैध बाजार और गुंडागर्दी का ठिकाना घोषित हो जाएगा।


