विकास से विनाश की ओर बढ़ता रायगढ़

वायु प्रदूषण का बढ़ता ग्राफ फिर भी ओम श्री रूपेश स्टील प्राइवेट लिमिटेड की जनसुनवाई 16 फरवरी को

राजधानी से जनता तक । रायगढ़ । मैसर्स ओम श्री रूपेश स्टील प्राइवेट लिमिटेड के क्षमता विस्तार से क्षेत्र में प्रदूषण बढऩा लाजिमी है। ऐसे में 16 फरवरी को होने वाले जनसुनवाई से पूर्व ही क्षेत्र में विरोध के स्वर उठने लगे हैं।

तमाम विरोध के बाद भी रायगढ़ जिले में उद्योगों के विस्तार और स्थापना का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आने वाले दिनों में जिले में करीब आधा दर्जन उद्योगों का विस्तारीकरण होना है। जर्जर सड़क और लगभग खत्म होती वन सम्पदा के कारण आने वाला समय जिलवोसियों के लिए काफी हानिकारक साबित होने वाला है। जिले में काला डस्ट एक भयंकर राक्षस के तौर पर मानव जीवन को लीलने की ओर कदम बढ़ा रहा है। जिलेवासी धूल के गुबार, काला डस्ट फ्लाई ऐश की उड़ती परत के बीच जीने को मजबूर हैं। प्रदूषण के कारण लोगों के शरीर को अंदर और बाहर दोनों तरह से नुकसान पहुंच रहा है। वर्तमान में जिले में चर्म रोगियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। लोग हर रोज सांस के साथ काला डस्ट शरीर के अंदर लेने को मजबूर हैं। इसके बाद भी सरकार द्वारा उद्योगों के क्षमता विस्तार की अनुमति दी जा रही है। 16 फरवरी को ग्राम चिराईपाली गेरवानी के पस मैसर्स ओम श्री रूपेश स्टील प्राइवेट लिमिटेड की जनसुनवाई रखी गई है। जिसका अभी से क्षेत्रवासी विरोध कर रहे हैं। क्योंकि इस प्लांट के क्षमता विस्तरा से आसपस के दर्जनों गांव भयंकर प्रदूषण की चपेट में आ जाएंगे। जानकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की मानें तो मैसर्स रूपेश स्टील के विस्तार की जनसुनवाई के लिए स्थानीय अखबारों में इश्तहार को लेकर कई तरह के संदेह हैं। सूत्रों की मानें तो रूपेश स्टील का किस अखबार में और कब इश्तहार का प्रकाशन कराया गया है इसकी किसी को कानो कान भनक तक नहीं लगी है।

इस तरह होगा क्षमता विस्तार

मैसर्स रूपेश स्टील द्वारा किए जा रहे क्षमता विस्तार में माइल्ड स्टील बिलेट 28800 टीपीए से 246960 टीपीए, रीरोल्ड स्टील उत्पाद 234612 टीपीए, हॉट चार्जिंग 160512 टीपीए के माध्यम से और रीहीटिंग फर्नेस के माध्यम से 74100 टीपीए, एमएस पाइप 122600 टीपीए, ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट शामिल है।

जल-जंगल और जमीन हो जाएंगे बर्बाद

अगर रायगढ़ में रहना है तो लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है। क्योंकि शहर हो या गांव उद्योगों की काली डस्ट सांस के माध्यम से लोगों के शरीर में जा रही है। जिससे जानकार और डॉक्टर्स भी लोगों को मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं। वर्तमान में जिले में स्थापित उद्योगों के पास अपने प्लांटों से निकलने वाले फ्लाईऐश के निष्पादन की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। जिससे वो कहीं भी फ्लाईऐश डंप कर रहे हैं। उद्योगों के क्षमता विस्तार से फ्लाईऐश भी बढ़ेगा। जिसे पहले ही तरह उद्योग जंगलों में डंप करेंगे। जिससे पर्यावरण तो प्रदूषित होगा ही साथ ही जल-जंगल और जमीन को भी काफी नुकसान पहुंचेगा।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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