सुकमा के वन विभाग ने दुर्लभ जीव का रेस्क्यू किया. साथ ही आम नागरिकों से वन्यजीव संरक्षण में सक्रिय सहयोग की अपील की है.

सुकमा में दुर्लभ भारतीय पैंगोलिन का सुरक्षित रेस्क्यू
जिला प्रमुख नवीन दांदडें
सुकमा – जिले में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली है. वन विभाग ने एक अत्यंत दुर्लभ जीव भारतीय पैंगोलिन का रेस्क्यू किया है. यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची–I में शामिल जीव है. जिसे प्राकृतिक आवास में सफलतापूर्वक फिर से छोड़ दिया गया. 16 दिसंबर 2025 को वन परिक्षेत्र सुकमा के बड़ेसट्टी ग्राम पंचायत के गांधारपारा ग्राम में ये कार्रवाई की गई. खेत में दुर्लभ जीव देख ग्रामीण हुए हैरान: जानकारी के मुताबिक, गांधारपारा गांव में धान की कटाई का कार्य चल रहा था. इसी दौरान खेत में एक अनजान और दुर्लभ जीव को देखकर ग्रामीण चौंक गए. नजदीक जाकर देखने पर पता चला कि वह भारतीय पैंगोलिन है, जो आमतौर पर कम ही दिखाई देता है. पहली बार इस दुर्लभ वन्यजीव को नजदीक से देखकर ग्रामीण भी सुरक्षा को लेकर चिंता में दिखे.
प्राकृतिक आवास में किया गया सफल पुनर्वास
लोगों ने भी दिखाई समझदारी: पहले तो ग्रामीणों में डर का माहौल था लेकिन फिर उन्होंने समझदारी दिखाते हुए पैंगोलिन को नुकसान पहुंचाने की जगह एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया. साथ ही तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी. सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी सक्रिय हो गए. प्रशिक्षित वन अमले की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और पूरी सावधानी से उसका रेस्क्यू किया. हमें जानकारी मिली की बड़ेसेट्टी क्षेत्र में ग्रामीणों ने एक पैंगोलिन पकड़ा है. इसके बाद हमने सुरक्षित रूप से अपने कब्जे में लिया गया. उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें वह पूरी तरह स्वस्थ पाया गया. इसके बाद पैंगोलिन को उसके प्राकृतिक और सुरक्षित आवास में छोड़ दिया गया. साथ ही ग्रामीणों को जागरूक किया गया.- डीएफओ अक्षय दिनकर भोसले स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही जरूरी कानूनी औपचारिकताएं भी पूरी की गई. अधिकारियों ने बताया कि पुनर्वास के लिए ऐसे क्षेत्र का चयन किया गया, जहां उसका प्राकृतिक वातावरण, भोजन एवं सुरक्षा सुनिश्चित हो सके, ताकि वह स्वतंत्र रूप से जीवन यापन कर सके. जानिए भारतीय पैंगोलिन के बारे में: रेस्क्यू कार्रवाई के बाद वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को जागरूक किया गया और बताया गया कि भारतीय पैंगोलिन एक अत्यंत दुर्लभ स्तनधारी प्रजाति है. ये कीटों और दीमकों को खाकर पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके शल्कों और मांस की अवैध मांग के कारण यह प्रजाति गंभीर संकट में भी है. वन विभाग ने स्पष्ट किया कि किसी भी वन्यजीव को पकड़ना, रखना, बेचने का प्रयास करना या नुकसान पहुंचाना कानूनन गंभीर अपराध है, जिसके लिए कठोर दंड का प्रावधान है. साथ ही ग्रामीणों से अपील की गई कि भविष्य में यदि किसी भी प्रकार का वन्यजीव गांव, खेत या आसपास के क्षेत्रों में दिखाई दे, तो उसे छेड़ने के बजाय तुरंत वन विभाग को सूचना दें. यह पूरी कार्रवाई सहायक वन संरक्षक (ACF) राहुल देवांगन और वन परिक्षेत्र अधिकारी गुरुवचन सिंह के मार्गदर्शन में हुई.
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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