सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को लागू हुए दो दशक से अधिक बीत चुके हैं, परंतु आज भी कई विभागों में पारदर्शिता का अभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। इसी कड़ी में एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है, जहाँ अपीलीय अधिकारी जनपद पंचायत फरसाबाहर जिला जशपुर द्वारा प्रथम अपील की सुनवाई दो महिना तक नहीं की गई, जिससे आम नागरिक के सूचना पाने के मौलिक अधिकार का हनन हुआ है।

आवेदक श्री माखन दास रायगढ़ ने बताया कि उन्होंने दो महिना पहले जनपद पंचायत फरसाबहार में आर टी आई का अपील आवेदन प्रस्तुत किया था
जनसूचना अधिकारी द्वारा समय-सीमा में जानकारी नही मिलने के बाद उन्होंने विधि अनुसार धारा 19(1) के अंतर्गत प्रथम अपील प्रस्तुत की।
लेकिन निर्धारित समयावधि बीत जाने के बाद भी अपीलीय अधिकारी जनपद सी इ ओ फरसाबाहर ने न तो सुनवाई की, न कोई आदेश पारित किया।
यह आचरण स्पष्ट रूप से सूचना का अधिकार अधिनियम की भावना के विपरीत है और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करता है।
इससे शासन-प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगते हैं।
श्री माखन दास ने राज्य सूचना आयोग से मांग की है कि ऐसे लापरवाह और उदासीन अपीलीय अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में कोई अधिकारी सूचना के अधिकार जैसे जनहितकारी कानून को ठंडे बस्ते में डालने का साहस न करे।
उन्होंने कहा – “जब अधिकारी खुद ही कानून की अनदेखी करें, तो आम नागरिक को न्याय कैसे मिलेगा? RTI की ताकत जनता की आवाज़ है, और इसे दबाने की कोशिश लोकतंत्र पर आघात है।”
आवेदक ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सुनवाई शीघ्र नहीं की गई तो वे इस मामले को राज्य सूचना आयोग व उच्च प्रशासनिक अधिकारियों तक लेकर जाएंगे, और आवश्यकता पड़ने पर जन आंदोलन का स्वरूप भी देंगे।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय होता हुआ राजधानी से जनता तक दैनिक अखबार के साथ न्यूज पोर्टल, यूटयूब चैनल,जो दिन की छोटी बड़ी खबरों को जनमानस के बिच पहुंचाती है और सेवा के लिए तत्पर रहती है dainikrajdhanisejantatak@gmail.com