बढ़े बिजली बिल से हलकान ग्रामीण, दफ्तर में जताया गुस्सा।

मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक, सूरजपुर/भैयाथान:– जिले के भैयाथान जनपद पंचायत के ग्राम हर्रापारा में हाल ही में लगाए गए स्मार्ट मीटर ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। जिन परिवारों का बिजली बिल पहले कुछ सौ रुपये आता था, अब उनके हाथ में हजारों से लेकर 18 हज़ार रुपये तक का बिल थमा दिया गया। अचानक बढ़े बिजली बिल से हड़कंप मच गया है और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा है।
स्मार्ट मीटर का खेल, 250 से सीधा 18 हज़ार
ग्राम के श्याम कुशवाहा का बिल, जो पहले 250 रुपये आता था, अब 18 हज़ार रुपये पहुँच गया। यही हाल राम करण, रघुवर चक्रधारी, प्रदीप केवट, कृष्णा नाविक, कुंदन केवट, मिथुन चक्रधारी, राम मनोरथ, जय राम कुशवाहा समेत कई ग्रामीणों का है। अचानक आए भारी-भरकम बिल ने सबको सकते में डाल दिया।
जनपद उपाध्यक्ष के नेतृत्व में पहुंचा जनसमूह
बिजली विभाग की इस मनमानी के खिलाफ ग्रामीण जनपद उपाध्यक्ष राजीव प्रताप सिंह के पास पहुँचे और अपनी पीड़ा सुनाई। ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उपाध्यक्ष उन्हें लेकर भैयाथान करकोटी स्थित बिजली दफ्तर पहुँचे। वहाँ एई विवेक पैकरा से कड़ी चर्चा हुई।
विभाग का आश्वासन, होगी रीडिंग की जांच
ग्रामीणों की नाराज़गी के बीच एई विवेक पैकरा ने भरोसा दिलाया कि बिल की रीडिंग की जाँच कराई जाएगी। यदि स्मार्ट मीटर में तकनीकी गड़बड़ी पाई गई तो सुधार किया जाएगा। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि विभाग केवल आश्वासन दे रहा है, जबकि हकीकत में उन्हें राहत नहीं मिल रही है।
स्मार्ट मीटर की साख पर सवाल
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर में गंभीर तकनीकी खामी है। बिल की अचानक बढ़ोतरी इस बात का सबूत है कि इन मीटरों से पारदर्शिता के बजाय लूट-खसोट बढ़ रही है। उनका कहना है कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को बिजली विभाग जबरन वसूली के जाल में फँसा रहा है।
बिजली बिल हाफ योजना खत्म, दोहरी मार
ग्रामीणों ने याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के समय लागू बिजली बिल हाफ योजना से उन्हें राहत मिलती थी। लेकिन सरकार बदलने के बाद भाजपा नीत विष्णुदेव साय की सरकार में यह योजना बंद हो गई। अब स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी और योजना की समाप्ति, दोनों मिलकर जनता पर दोहरी मार बन गई हैं।
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने साफ कहा कि यदि बिजली बिलों में सुधार नहीं हुआ और दोषी मीटरों को बदलने की कार्यवाही नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। महंगाई और बेरोजगारी के बीच बिजली विभाग का यह बोझ आम जनता के लिए असहनीय है।
