दीनदयाल यदु/जिला ब्यूरो चीफ

छुईखदान। देश की राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, विचारों में टकराव भी लोकतंत्र की सुंदरता है, लेकिन जब राजनीति इतनी नीचे गिर जाए कि वह एक बेटे की स्वर्गीय माता जी का अपमान करने लगे, तब यह केवल राजनीति नहीं रह जाती, यह हमारे संस्कारों और सभ्यता पर सीधा प्रहार बन जाती है। यही काम आज कांग्रेस ने किया है।
राहुल गांधी जो स्वयं को युवा और संवेदनशील नेता कहलाने का दावा करते हैं, उनके ही इशारे और मौन सहमति से उनके कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत माता के प्रति अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। यह बात भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विक्रांत चंद्राकर ने कही है ।
यह कोई सामान्य गलती नहीं है, यह देश की हर माँ के सम्मान पर चोट है। भारतीय संस्कृति में “माँ” को देवी का स्थान दिया गया है, और जो पार्टी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए माँ की पवित्रता तक को कलंकित कर दे, वह न केवल सत्ता की हकदार नहीं बल्कि समाज की तिरस्कार की पात्र है। बिहार चुनाव में आसन्न हार का भय कांग्रेस और राहुल गांधी की सोच को इस हद तक गिरा चुका है कि अब उनके पास न तो मुद्दे बचे हैं, न दृष्टि, और न ही जनसमर्थन। बचा है तो केवल अपशब्दों का विष और घृणित राजनीति का हथियार।
राहुल गांधी को यह समझ लेना चाहिए कि नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करना, उनकी माता का अपमान करना, वास्तव में भारत की उस जनभावना को ठेस पहुँचाना है जिसने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया और बार-बार कांग्रेस को नकारा। यह केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि 125 करोड़ भारतीयों की माँओं का अपमान है।
कांग्रेस पार्टी से सीधा सवाल –
हम कांग्रेस पार्टी से सीधा सवाल पूछते हैं—क्या यही उनकी लोकतांत्रिक सोच है? क्या यही उनके संस्कार हैं? क्या यही वह कांग्रेस है जिसने कभी भारत को स्वतंत्रता दिलाई थी, या यह वही कांग्रेस है जिसने दशकों तक इस देश को परिवारवाद, भ्रष्टाचार और सांस्कृतिक पतन की राह पर ढकेला?
भारत की जनता इस अपमान को कभी नहीं भूलेगी। बिहार ही नहीं, पूरे देश में हर गली, हर गाँव, हर शहर के लोग इस निकृष्ट राजनीति को करारा जवाब देंगे। और वह जवाब किसी मंच से नहीं, सीधे मतदान पेटी से आएगा।
प्रधानमंत्री सहित पूरे देश वासियों से माफी की मांग
हम कांग्रेस और राहुल गांधी से मांग करते हैं कि वे तुरंत प्रधानमंत्री मोदी जी और पूरे देश से माफी माँगे, दोषी कार्यकर्ताओं पर कठोर कार्रवाई करें और भविष्य में इस प्रकार की घृणित राजनीति करने से पहले भारत की मातृशक्ति के सम्मान को याद रखें।
