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Success Story: 5 साल तक संघर्ष करता रहा किसान का बेटा, आखिरकार पा ली फौज की नौकरी, अब बॉर्डर पर होगा तैनात

दीपक पाण्डेय/खरगोन. कहते हैं कि सही लक्ष्य तय हो और सच्ची लगन के साथ कड़ी मेहनत की जाएं तो सफलता एक दिन आपके कदम चूमती है. आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी सच्ची लगन और कड़ी मेहनत से ना सिर्फ अपने सपनों को साकार किया बल्कि वो मुकाम हासिल किया जिसके सपने आज हर युवा देखता है. हम बात कर रहे हैं खरगोन जिले के मंडलेश्वर में रहने वाले एक किसान के 23 साल के बेटे रोहित मेवाड़े की. किसान के बेटे का चयन अग्निवीर भर्ती योजना के तहत आर्मी में हुआ है. ट्रेनिंग खत्म होने के बाद पहली बार अपने घर मंडलेश्वर आएं रोहित का शहर के लोगों ने भव्य जुलूस निकालकर जोरदार स्वागत किया. देश भक्ति और भारत माता के नारे लगाकर हौसला अफजाई भी की.

लोकल 18 से बातचीत में रोहित ने बताया कि फौज में जाने का बचपन से ही उनका सपना था. 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार उनका यह सपना पूरा हुआ. इसका पूरा श्रेय माता-पिता को देते हुए कहा कि यह उन्हीं के आशीर्वाद और सहयोग से संभव हो पाया है.

पांच साल अकेले की तैयारी, फिर ऐसे मिली सफलता
रोहित ने बताया कि वे फौज में भर्ती के लिए 5 साल से सेल्फ तैयारी कर रहे रहे थे. साथ ही बताया कि भर्ती के लिए तीन स्टेज होती हैं, जिसमें फिजिकल, मेडिकल और लिखित परीक्षा पार करनी होती है. पहली बार जब 2019 में उन्होंने भर्ती के लिए अप्लाई किया था. तब दो स्टेज पार कर की थीं, लेकिन तीसरी स्टेज में रह गए थे. इसके बाद दूसरी बार फिर अप्लाई किया. इस बार फिजिकल क्वालीफाई कर लिया था और लिखित परीक्षा होनी थी, इसी बीच अग्निवीर योजना लागू होने से यह भर्ती कैंसिल हो गई. फिर तीसरी बार अग्निवीर योजना के तहत जब भर्ती निकली वह तीनों स्टेज क्वालीफाई करने में सफल रहे. इसके बाद उनको ट्रेनिंग के लिए चुना गया और वह 8 महीने की ट्रेनिंग पूरी करके अब घर लौट हैं. साथ ही बताया कि वह इसी 20 अगस्त को पंजाब बॉर्डर पर देश की सुरक्षा के लिए तैनात होंगे.

किसान पिता ने कही ये बात
सैनिक रोहित की इस उपलब्धि पर उनके पिता ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बेटे को फौज में पहुंचाने की बरसों पुरानी उनकी तम्मन्ना आज पूरी हो गई. बेटे को फौज में भर्ती कराने के लिए उन्होंने हर संभव मदद की. घर के काम काज और परेशानियों से भी दूर रखा, ताकि वह अपने सपने को पूरा कर सकें.बता दें कि रोहित के पिता एक किसान होने के साथ ही नर्मदा जल परियोजना (पीएचई) विभाग में हेल्पर के पद पर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भी हैं.

Tags: Agniveer, Indian army, Local18, Success Story

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Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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