राजधानी से जनता तक | रायगढ़ । आखिर जनसूचना अधिकारी को किस बात का डर है जानकारी देने में क्यों कर रहे परहेज
भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए सरकार द्वारा जन सूचना अधिकार 2005 कानून पारित कर इसमें हर एक व्यक्ति को जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। कोई भी व्यक्ति कहीं से भी जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत किसी भी प्रकार की सूचना मांग सकता है। जिस धारा 6 के तहत उस विभाग के उक्त अधिकारी को आरटीआई अधिनियमों के तहत एक माह मे आवेदक को वह जानकारी देनी होती है लेकिन जन सूचना अधिकारी के द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध आरटीआई अधिनियम सशक्त हथियार है आम आदमी जनसूचना अधिकार 2005 को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक शस्त्र मानता है लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से आरटीआई अधिनियम भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। क्योंकि आम आदमी द्वारा मांगी गई सूचना को विभागीय अधिकारी समय से नहीं उपलब्ध कराते। इससे साफ जाहिर है कि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को सार्वजनिक होने से डरते हैं। जिसका ताजा उदाहरण नवीन जिला सारंगढ़ -बिलाईगढ़ जिले का है । आवेदक ने सूचना अधिकार के अधिनियम 2005 तहत 09/06/2023 को ग्राम पंचायत मारोदरहा जनपद पंचायत बरमकेला के अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय संबंधित बिंदुवार महत्वपूर्ण जानकारी चाही गई थी। लेकिन ग्राम पंचायत मारोदरहा के जनसूचना अधिकारी हरनारायण नायक के द्वारा आरटीआई अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए एक माह बीत जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई है, जानकारी देने में की जा रही आना-कानी से सवाल तो उठना लाजमी है आखिर किस बात का जन सूचना अधिकारी को डर या भय व्याप्त है जिससे जानकारी देने में परहेज कर रहे हैं। इससे सब जाहिर होता है कि विभागीय भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।बहरहाल आवेदक रीतेश कुमार सिदार ने कहा है कि चाही गई जानकारी ना मिलने पर अब विधि सम्मत प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष 08/08/2023 को आवेदन डाक के माध्यम से उक्त जानकारी मांगी गई थी जहां उन्हें आरटीआई अधिनियमों के तहत प्रथम अपील में निशुल्क जानकारी प्राप्त होगी।फिर प्रथम अपीलीय अधिकारी जनपद पंचायत बरमकेला जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के द्वारा अपील प्रकरण क्रमांक 21/2023 के तहत प्रथम अपील पेशी में उपस्थित होने के लिए 16/08/2023 को अपीलाथी को व्हाट्सएप के माध्यम से पत्र व्यवहार किया गया व प्रकरण की सुनवाई दिनांक 25/08/2023 को अपीलाथी को नियत दिन व समय दोपहर 1:00 बजे प्रथम अपील अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित होना कहां गया था.फिर अपीलाथी ने 25/08/2023 को समय 1:00 बजे प्रथम अपील अधिकारी के कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई पेशी में जन सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत मारोदरहा हरनारायण नायक जो की अनुपस्थित थे फिर प्रथम अपील अधिकारी के द्वारा अपिलार्थी को पेसी के लिए फिर से 01/ 09 / 2023 का समय दिया गया और विडंबना यह है कि प्रथम अपील अधिकारी के द्वारा अपीलार्थी से मिलने के लिए साफ मना कर दिया गया व प्रथम अपीलीय अधिकारी ने बाबू को कहा की इस प्रकरण को आप ही देख लीजिए और निपटा लीजिए प्रथम अपील अधिकारी के द्वारा अपने जन सूचना अधिकारी को बचाया जा रहा है क्यों प्रथम अपील अधिकारी के द्वारा जारी किए गए नोटिस में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि समय एवं दिनांक को अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष उपस्थित होवे अनुपस्थित रहने की स्थिति में एक पक्षीय आदेश पारित कर दी जावेगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी आपकी व्यक्तिगत रूप से होगी.
क्या यह नियम सिर्फ अभिलार्थी पर लागू होता है क्या? प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा अपने विभाग के जन सूचना अधिकारी को अभय दान दिया जा रहा है क्यों? आइये जानते हैँ क्या कहते हैं आरटीआई कार्यकर्ता कैलाश आचार्य आरटीआई कार्यकर्ता कैलाश आचार्य ने कहा कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं देना धारा-7(2) आरटीआई एक्ट का उल्लंघन है। लोक सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई एक्ट की धारा-7(8) का उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 166ए और 167 के तहत आवेदक के द्वारा एफआईआर दर्ज कराया जा सकता है, इसी तरह लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा झूठी जानकारी या गलत जानकारी देने पर भी आवेदन की स्थिति के आधार पर आईटीआई अधिनियमों के अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का भी प्रावधान है।अब आगे यह देखना लाजमी होगा कि प्रथम अपील अधिकारी सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा अपने जन सूचना अधिकारी के ऊपर क्या और किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है.
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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