अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर किया गया पौधारोपण
राजधानी से जनता तक। खरसिया | (चंद्रशेखरपुर) अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत सुरक्षा दिवस के अवसर पर विभिन्न पौधे रोपित किए गए। प्रतिवर्ष 16 सितंबर को ओजोन परत की सुरक्षा के प्रति विश्व के ध्यानाकर्षण और जनजागरूकता के लिए ओजोन सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल में स्थित सुरक्षा कवच है। इस परत के कारण ही धरती पर जीवन संभव है। यह परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर पृथ्वी में जीव-जंतुओं की रक्षा करती है। ओजोन गैस आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनता है। सूर्य से उत्सर्जित अन्य किरणों में से पराबैंगनी किरणें जीव-जंतुओं के लिए अत्यंत हानिकारक है। पराबैंगनी किरणों से मिलकर वायुमंडल में उपस्थित आक्सीजन गैसें ओजोन का निर्माण करती हैं।
यही ओजोन गैस ओजोन परत के रूप में पृथ्वी की सुरक्षा कवच का कार्य करती है। आक्सीजन पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से ओजोन में परिवर्तित होती हैं… और इस आक्सीजन की प्राप्ति केवल पेड़-पौधों से ही होती है अतः ओजोन की परत सदैव सुरक्षित रहे और इसे सुरक्षित बनाए रखने के लिए पेड़-पौधों का होना अति आवश्यक है। पृथ्वी की सतह के ऊपर लगभग 10 से 50 किमी की दूरी तक स्थित ओजोन परत की सुरक्षा पर्यावरण की शुद्धता पर निर्भर है। पर्यावरणीय प्रदूषण इस परत को लगातार नुकसान पहुंचा रही है जिससे पृथ्वी के समक्ष धीरे-धीरे एक गंभीर संकट खड़ी हो रही है। पौधारोपण द्वारा प्रदूषण को नियंत्रित कर ओजोन परत की सुरक्षा की जा सकती है। साथ-ही-साथ पौधों से ओजोन परत के लिए आवश्यक आक्सीजन की प्राप्ति भी होती है। अतः पर्यावरण की रक्षा एवं ओजोन परत की सुरक्षा के लिए अधिक-से-अधिक पौधे लगाए जाने चाहिए एवं उसका संरक्षण किया जाना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए और इसके लिए लोगों को प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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