राजधानी से जनता तक रायगढ़ – नगर पालिका की उदासीनता के कारण शहर के वार्ड न. 47 विजयपुर तालाब की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इन दिनों घाट से लेकर दूर-दूर तक भगवान गणेश की खंडित मूर्तियां ,मिट्टी, पैरा और कचरे का ढेर लगा है। दृश्य देखने से ही एक बारगी आश्चर्य होता है। गणेश चतुर्थी के बाद शहर में चौक-चौराहों सहित घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित कर विधि विधान से 8 से 11 दिन तक पूजा अर्चना की गई। इसके बाद अनंत चतुर्दशी के एक दिन पहले से मूर्ति विसर्जन का दौर शुरू हुआ, जो अनंत चतुर्दशी तक जारी रहा।
नगर पालिक निगम शहर के 2 तालाबों को चिन्हांकित किया गया था जिसमें विजयपुर व अतरमुड़ा तालाब में प्रतिमा विसर्जन किया गया। इसके लिए नगर पालिक निगम प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। और केलो नदी मे मूर्ति विसर्जन पुरी तरह से प्रतिबंधित किया गया था लेकिन नगर निगम की ओर से ना कोई बोर्ड लगाया गया था नहीं कोई कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई थी ठीक उसी कड़ी मे चिन्हांकित तालाबों में ना कोई बोर्ड लगाया गया था ना ही किसी निगम कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई थी ना हीं किसी प्रकार का कोई क्रेन की व्यवस्था की गई थी ना ही लाइट की व्यवस्था की गई थी नगर पालिका निगम की इस घोर लापरवाही के कारण जूट मिल में क्षेत्र में विसर्जन दौरान एक बच्चे की मौत हो गई थी नगर पालिका निगम के घोर लापरवाही कारण लोगों ने जहां पाया वहां मूर्ति विसर्जन किया। सबसे ज्यादा मूर्ति का विसर्जन नगर के एकमात्र निस्तारी तालाब विजयपुर में किया गया। पिछले दिनों में यहां शहर की सैकड़ों मूर्तियां विसर्जित की गई। इनमें छोटे-बड़े सभी प्रकार की मूर्तियों के साथ पूजा सामग्रियां भी थी, जो अब कचरे के ढेर के रूप में नजर आ रही है। घाट पर मूर्तियों की मिट्टी ऐसी फैली है कि पहले की तरह अब घाट पर बैठकर स्नान करना मुश्किल है। पैरा, कपड़े व अन्य सामग्रियां घाट पर दूर-दूर तक बिखरे पड़े हैं। इसकी सफाई कराने पर भी नगर पालिका का ध्यान नहीं है।
नगर निगम आयुक्त व महापौर के द्वारा यह दो तालाबों को मूर्ति विसर्जन के चिन्हांकित किया गया लेकिन काम निकलने के बाद महापौर व आयुक्त के द्वारा स्थल के विषय में कोई संज्ञान नहीं लिया गया महापौर आयुक्त की घोर लापरवाही का दंश स्थानीय निवासी झेल रहे हैं
शासन की गाइड लाइन की अनदेखी
निकायों और प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी गाइड लाइनों की भी धज्जियां उड़ा डालीं। निकायों को विजर्सन के लिए रूट तैयार करने को कहा था, लेकिन ऐसा नहीं किया। चिन्हांकित तालाब में एक कोने में कुंड बनाकर उसी जगह पर ही विसर्जन कराना था , उसके बाद दूसरे दिन तत्काल सभी मूर्तियां की मिट्टी, बांस व बल्ली को निकालना था, लेकिन ये नहीं हुआ।
जिम्मेदारो को नहीं सरोकार
शहर के विजयपुर तालाब के अलावा अतरमुड़ा तालाब सहित अन्य तालाबों का भी हाल-बेहाल है। बड़ी संख्या मे आस पास इलाके के भक्तों ने यहां भी मूर्तियां विसर्जित की है, जिसके पैरा व कचरे ने तालाबों की सूरत बिगाड़ दी है। रोज तालाब में स्नान करने वाले लोग पूछ रहे हैं कि इसकी दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कौन है। ऐसे लोग नगर पालिका निगम को कोस भी रहे हैं। पूरे नगर व तालाब सहित अन्य की साफ-सफाई का सारा जिम्मा नगर पालिक निगम की है, लेकिन पालिका के जिम्मेदारों को इस ओर देखने की भी फुर्सत नहीं है।
क्या कहते हैँ स्थानीय वार्डवासी ने बताया कि इसके अलावा निस्तारी के लिए कोई और उपाय नहीं है। गंदगी के ढेर में नहाने को मजबूर तालाब में पूरी बस्ती सहित आसपास मोहल्ले के लोग निस्तारी करते हैं। आसपास में निस्तारी के लिए एकमात्र यही तालाब है। यहां प्रतिमा विसर्जन के बाद पूरा घाट गंदगी से अटा पड़ा है। मजबूरी में यही गंदे पानी में निस्तारी करना पड़ रहा है।पुराना तालाब होने के कारण यहां तो प्रतिमा विसर्जन पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए। प्रतिबंध नहीं लगा पाए तो कम से कम प्रतिमा विसर्जन के बाद उसे प्रतिमा के खंडित मूर्तियां, मिट्टी, पैरा व कचरे का ढेर को जिम्मेदार द्वारा निकालना चाहिए।
विजयपुर तालाब के पूरे घाट में पड़ा मूर्ति से निकला कचरा व पैरा , इसी बीच में निस्तारी करने मजबूर है लोग। स्थानीय निवासीयों का कहना है कि यह नगर निगम आयुक्त व महापौर की तानाशाही रवैये के कारण स्थानीय निवासियों को भारी समस्या झेलनी पड़ रही है
पितृपक्ष शुरू तर्पण करने वाले भी गंदगी से परेशान हो रहे लोग
पितरों को तर्पण करने विजयपुर तट पहुंचने वाले भी सफाई व्यवस्था से नाराज दिखे। तटों पर कचरा, गंदगी बिखरी रही। घाट में पूजन सामग्री बिखरी रही। लोगों ने पूजन से पहले जल के अंदर आसपास की गंद्रगी को खुद साफ किया फिर पूर्वजों का तर्पण किया। संबंधितों ने गंदगी के बीच ही तर्पण कर पितरों को नमन किया। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग तर्पण करने के लिए पहुंचते हैं लेकिन सफाई की तरफ प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।
क्या कहते हैँ महापौर जानकी काटजू = हमने महापौर को दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया और तालाब के साफ सफाई के बारे में जानकारी ली तो महापौर का कहना है आपके माध्यम से मुझे पता चल रहा है सफाई नहीं कराए हैं और आप लोग बोल रहे हैं तो सफाई करा देंगे.