राजधानी से जनता तक बरमकेला –जनपद पंचायत बरमकेला के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत गोबरसिंघा तहसील सरिया के अंतर्गत लगातार बढ़ रहे शासकीय जमीन के कब्जा को रोकने में प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों का पसीना छूट रहा है। जिसके चलते क्षेत्र के शासकीय भूमि पर बेजा कब्जाधारियों की बाढ़ सी आ गई है। एवं उसे रोकने में अभी तक प्रशासन बेबस और लाचार नजर आ रहा है। गौरतलब यह मामला तहसील कार्यालय सरिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत गोबरसिंघा का है गांव के एक जागरूक ग्रामीण के द्वारा शासकीय जमीन में अवैध कब्जा कर खरीदी बिक्री की शिकायत सरिया तहसीलदार से लेकर जिले के आला अधिकारियों के साथ-साथ मंत्रियों को भी लिखित शिकायत की गई थी लेकिन जवाबदार अधिकारियों को जरा भी ध्यान नहीं है शिकायत में जागरूक ग्रामीण ने ग्राम पंचायत गोबरसिंघा में वर्ष 1960-1965 में रिकॉर्ड के अनुसार लगभग 350 एकड़ शासकीय भूमि दर्ज है जिसमें खेल मैदान छोटे झाड़ के जंगल चरागाह एवं शमशान के लिए भूमि आरक्षित है परंतु आज वर्तमान समय में ग्राम पंचायत गोबरसिंघा में शासकीय भूमि नाम मात्र ही बच गई है ग्राम पंचायत गोबरसिंघा में सरपंच पद पर बैठे लगभग कई सरपंचों के कार्यकाल में शासकीय भूमि पर इंदिरा आवास प्रदान की गई है लेकिन विडंबना यह है कि इंदिरा आवास हितग्राहियों मैं अपने निजी जमीन को बेचकर शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर इंदिरा आवास बनाया है जिस पर आज तक किसी भी सरपंच ने आपत्ति नहीं की ग्राम पंचायत गोबरसिंघा में कुछ धनी लोगों के द्वारा वर्तमान सरपंचपति के सहयोग से शासकीय कुआँ को जमीदोज करते हुए निजी मकान व शौचालय का निर्माण किया गया है सरपंच पति के द्वारा कई लोगों को शासकीय जमीन विक्रय कर हार्वेस्टर ट्रैक्टर रखने के लिए मकान व सेड बनाया गया है पूर्व सरपंच के द्वारा अपने हितैशी को ढाई डिसमिल शासकीय भूमि को दूसरे गांव के एक व्यक्ति को लाखों रुपए में विक्रय किया गया है जो वर्तमान में आलीशान मकान का रूप धारण कर चुकी है वर्तमान में ग्राम पंचायत गोबरसिंघा सरपंच का इसी मार्ग से जनपद पंचायत बरमकेला अन्य कार्यों के लिए आना जाना लगा रहता है तथा उसे मोहल्ले के वर्तमान सरपंच को कई बार मौखिक रूप से शिकायत कर चुके हैं जो सरपंच सचिव द्वारा शासकीय भूमि पर अवैध रूप से मकान निर्माण कराए जाने वाले को आज तक किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं दिया गया है नहीं ही सरपंच सचिव के द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई? इससे साफ जाहिर होता है कि ग्राम पंचायत गोबरसिंघा में रिकॉर्ड के अनुसार 350 एकड़ भूमि ऐसे ही सरपंचों व सचिवों की बदौलत विलुप्त हो रही है इसी मामले तहसीलदार सरिया ने 1/05 2023 को 11 सदस्यों की जांच टीम वह मौके में जाकर जांच के लिए निर्देशित किया गया था व जांच कर जांच प्रतिवेदन व पंचनामा तैयार कर 3दिवस के अंदर प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया था जांच टीम के द्वारा जांच में कई रसुखदारों का अवैध कब्जा पाया गया जांच कमेटी के द्वारा जांच प्रतिवेदन व पंचनामा बनाकर तहसीलदार सरिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया है लेकिन शिकायत के 5 महीने बीत जाने के बाद भी जांच के नाम पर सिर्फ और सिर्फ लीपापोती की जा रही है अतिक्रमण हटाने में इसे प्रशासनिक अधिकारियों की विफलता ही कहें लेकिन आज के दौर में 350 एकड़ भूमि पूरी तरह से अतिक्रमणकारियो के कब्जे में है जहां अतिक्रमणकारियों के द्वारा शासकीय भूमि पर आलीशान पक्के मकान का निर्माण कर रहने लगे हैं इस अतिक्रमणकारियों को शासकीय भूमि से कब्जा मुक्त करने में प्रशासन के हाथ पांव फूल रहे हैं रसूखदार कब्जा धारीयों की पहुंच ऊपर तक होने के कारण शासकीय प्रशासनिक अधिकारियों की इन रसूखदार अवैध कब्जा धारियों के सामने कार्यवाही करने में लाचार दिख रहे हैं 5 महीने बीतने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होना राजस्व विभाग के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं? राजस्व विभाग के इसी लचर कार्य प्रणाली व भ्रष्ट सिस्टम के कारण अवैध कब्जाधारियों के हौसले बुलंद है इन अवैध कब्जाधारियों सामने राजस्व विभाग पंगु दिखता नजर आ रहा है
क्या कहते हैँ तहसीलदार सरिया सनी पैकरा
मै आज सरिया मे पदभार ग्रहण किया हु आप का मामला तो काफी पुराना हैँ मै आचार सहिता लगने के बाद एक सिरे से अवैध कब्ज़ा धारियों के ऊपर तोड़ फोड़ की कार्यवाही की जाएगी.