राजधानी से जनता तक \ न्यूज चांपा । अपनी अनूठी सभ्यता संस्कृति और कला के कारण भारतवर्ष संपूर्ण देश में विशिष्ट पहचान रखता हैं । इसमें कोई दोराय नहीं हैं कि संस्कृति का अनोखापन अपनी विशिष्ट पारंपरिक धरोहर और मान्यताओं के कारण भी हैं । गौ पालन की परंपरा भी इन्हीं में से एक हैं । गौ माता ही एकमात्र जैसा प्राणी हैं जिसका सर्वाग अंग उपयोगी हैं। वह हमें दूध दही शुद्ध घी पनीर मक्खन और अमृतोपम स्वास्थ्यप्रद वस्तुएं प्रदान करती हैं । उसका चमड़ा , उसकी सींग , उसकी हड्डी यानी कि सब कुछ किसी ना किसी रुप में हमारे लिए बहुपयोगी हैं । गौ माता निश्चय ही प्रेम और स्तुति के परम योग्य हैं । गौ-माता की सेवा केशरवानी महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमति शांता गुप्ता और उनकी जुड़वां बिटियां दिव्या और नव्या प्रतिदिन करती हैं । स्वच्छ और ताजे दूध का सेवन ही नहीं करती बल्कि गाय के गोबर से अपने घर को लीपती भी हैं । इसका कारण गाय का गोबर रोगाणुनाशक हैं ।आज गोपाष्टमी के पर्व पर जगन्नाथ मंदिर बड़े मठ पहुंचकर गौ-माता की पूजा-अर्चना की और लोगों को गौ माता की रक्षा हेतु घर-घर गौ पालन की बातें कही । शशिभूषण सोनी ने कहा कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास हैं । हमारे धर्म और शास्त्रों में गाय को जगत की माता की संज्ञा दी गई हैं । हर घर में गाय की पूजा-अर्चना होनी चाहिए । जिस घर में गाय की पूजा नहीं होती , वह घर लक्ष्मी विहीन हो जाता हैं । श्रीमति शांता गुप्ता और उनकी नन्ही सी बच्चीं दिव्या ने अपने रेल्वे स्टेशन रोड चांपा स्थित आवास पर रंगीली बनाकर व दीप प्रज्जवलित कर गाय के सम्मान में पूजा-अर्चना की और रक्षा के लिए संकल्पना की । गाय की रक्षा करना , पालन-पोषण और खाद्य सामग्री देना अपनी संस्कृति का अंग हैं । गाय वास्तव में मोक्ष दायिनी गंगा के समान हैं , यह सभी पापों और तापों से हमें छुटकारा दिलाती हैं ।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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