पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस

घरेलू हिंसा, दहेज हत्या और शारीरिक शोषण जैसे महिला अपराध सभ्य समाज के मुंह पर करारा तमाचा है : प्रो. डेहरिया

राजधानी से जनता तक । भानुप्रतापपुर । शासकीय महर्षि वाल्मीकि स्नातकोत्तर महाविद्यालय भानुप्रतापपुर के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में विद्यार्थियों द्वारा मातृ शक्ति को नमन करते हुए शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाया गया। विद्यार्थियों ने पोस्टर के माध्यम से लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास किया। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्या श्यामानंद डेहरिया ने बच्चों के प्रयास को सराहना करते हुए कहा कि हमारे शिक्षित समाज में महिला अपराध बढ़ते जा रहे हैं। प्रतिदिन समाचार पत्रों में कई प्रकार की दिल दहलाने वाली खबरें पढ़ने को मिलती है। समाज का कटु सत्य है कि इन अपराधों की श्रेणी के साथ संख्या व कूरता भी बढ़ रही है।

हमारे भारत देश में घरेलू हिंसा, दहेज हत्या और शारीरिक शोषण जैसे महिला अपराध सभ्य समाज के मुंह पर करारा तमाचा है। महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा आज हमारी दुनिया में सबसे व्यापक, निरंतर और विनाशकारी मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक है और इसके आसपास दण्ड से मुक्ति, चुप्पी, कलंक और शर्म के कारण बड़े पैमाने पर रिपोर्ट नहीं की जाती है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा समानता, विकास और शांति के साथ-साथ महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों की पूर्ति में बाधा बनी हुई है। इसीलिए इस वैश्विक समस्या के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल 25 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न प्रकार की हिंसा के बारे में जागरूकता पैदा करने, वकालत को बढ़ावा देने और महिलाओं के लिए बेहतर अवसर पैदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित दिन है।

इस अवसर महाविद्यालय के रेडक्रॉस एवं क्रीड़ा प्रभारी सुषमा चालकी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा दुनिया भर में एक गंभीर समस्या है। घरेलू हिंसा हो, यौन हिंसा हो या फिर हत्या, महिलाओं को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। वे दुनिया में हर जगह दुर्व्यवहार के निरंतर भय में रहते हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस हमें महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और यातना के बारे में अधिक बात करने में मदद करता है। जैसे-जैसे दुनिया आगे बढ़ रही है, हमें सभी लिंगों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना चाहिए। महिलाओं को सुरक्षित महसूस करना चाहिए। अब समय आ गया है कि हम एक साथ आएं और महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को खत्म करें। हम इस वैश्विक समस्या के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाते हैं। इस हिंसा को रोकने के तरीकों के बारे में अधिक बात करना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि महिलाएं अपनी समस्याओं के बारे में स्वतंत्र रूप से बात कर सकें।

वही अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष स्नेहा रितेश नाग ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस का इतिहास और महत्व है जो आपको जानना चाहिए। इस दिन, हमें महिलाओं के अधिकारों के बारे में अधिक बात करनी चाहिए और वे सभी प्रकार की हिंसा के खिलाफ कैसे सुरक्षित महसूस कर सकती हैं। हम सभी को उन कार्यक्रमों और गतिविधियों में भाग लेने का प्रयास करना चाहिए जो महिला सुरक्षा के बारे में बात करते हैं। हमारे आस-पास की महिलाओं को सभी क्षेत्रों में होने वाले अन्याय के बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है, चाहे वह घर पर हो या काम पर।

इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक रमेश कुमार दर्रो, वाणिज्य विभागाध्यक्ष कमल किशोर प्रधान, आईक्यूएसी समन्यवक एवं रासेयो कार्यक्रम अधिकारी रितेश कुमार नाग, डॉ. नसीम अहमद मंसूरी सहित समस्त अधिकारी-कर्मचारी एवं पत्रकारिता के छात्र- छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्राध्यापक श्रीदाम ढाली ने किया।

पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में झमेश्वरी प्रथम

इस अवसर पर महिला हिंसा एवं उन्मूलन थीम पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रथम स्थान बीए (जेएमसी) तृतीय सेमेस्टर की छात्रा झामेश्वरी, द्वितीय स्थान प्रथम सेमेस्टर की सविता यदु, तृतीय स्थान थर्ड सेमेस्टर की नगीना पटेल और चतुर्थ स्थान प्रथम सेमेस्टर की अंजली नुरूटी एवं पंचम स्थान शशिकला पोटाई ने प्राप्त किया है।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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