मस्तुरी से पलायन शुरू,रोजगार के लिए जा रहे अन्य राज्य

रविन्द्र टंडन/मस्तुरी – पलायन शुरू हो गया है और बड़ी संख्या में मस्तुरी क्षेत्र के लोग पलायन कर जीवन यापन करने के लिए अन्य राज्य जा रहे है। इन लोगो का मानना है कि इन्हें मस्तुरी क्षेत्र में रोजगार नही मिल ता है। जिस वजह से यहां से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते है। कोरोना काल के आकड़ो की बात करे तो क्षेत्र से तकरीबन 70 हजार लोग हर साल पलायन कर जीवन यापन करते है। पलायन करने की वजह यहां लोगो को पर्याप्त मात्रा में रोजगार नही मिल पाता है। लिहाजा लोग हर साल प्लायन करते है।

रोजगार का दावा निकल फैल

शासन गरीब परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार देने का दावा करती है। लेकिन मस्तुरी क्षेत्र में ऐसा नही है। अधिकारियों की सुस्त रवैये की वजह से लोगो को रोजगार नही मिल पाता है। आज की स्थिति में लीगो को रोजगार मिलना चाहिए था लेकिन ऐसा नही है। अभी भी क्षेत्र में काम शुरू नही हुआ है। लोगो को मनरेगा से रोजगार नही मिल रहा है। लिहाजा लोग पलायन करने को मजबूर है। वही मनरेगा को लेकर क्षेत्र की लोगो मे उत्साह नही दिख रहा है। क्योंकि या तो मजदूरों को समय पर भुगतान नही होता या फिर उनके लिए राशि काफी कम है। वजह कुछ भी हो गरीब तपके के लोगो को भला होते नही दिख रहा है।

पलायन रोकने में श्रम विभाग और पोलिसिंग व्यवस्था फैल

क्षेत्र में लगातार पलायन हो रही है जिसकी जानकारी जनप्रतिनिधि सहित आला अधिकारियों को है। लेकिन कोई इस गंभीर बीमारी (पलायन) को रोकने के लिए सामने क्यों नही आते है। श्रम विभाग में कई योजना चलाये जा रहे है बावजूद जो वास्तव में इन योजनोओ का लाभ लेने वाले गरीब वर्ग के लोगो है उन्हें इनका फायदा ही नही मिल पा रहा है।

क्षेत्र में दलाल सरदार सक्रिय,चला रहे संगठन

मस्तुरी क्षेत्र में दलाल सरदार सक्रिय है बिना लाईसेंस के तकरीबन 20 से ज्यादा दलाल क्षेत्र में सक्रियता जो लोगो को पलायन कराते है। लेवरो के एवज में मोटी रकम लेकर उन्हें कम कीमत देकर इट बनाने भेज देते है। जब मजदूरों का हिसाब किताब होता है तब पता चलता है कि उनके हिस्से का कमाई दलाल अपनी कमीशन के रूप में ले लिया है। फिर मजदूरी की झगड़ा इट संचालको से होती है और उन्हें बंधक बना कर काम कराया जाता है।

Ravindra Tandan
Author: Ravindra Tandan

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