खैरागढ़ में मौसम के बदले मिजाज से किसानों की बढ़ी चिंता, बारिश और कोहरे से तापमान में गिरावट लोग ले रहे आग का सहारा
खैरागढ़ छुईखदान गंडई — मौसम लगातार रंग बदल रहा है. आसमान से बादल छंटते ही अब कड़ाके की ठंड पड़नी शुरू हो गई है, हाल यह है कि लोग कड़ाके की ठंड में बेहाल हैं. आम लोग आग का सहारा लेते नजर आ रहे हैं. पिछले एक-दो दिनों से धीरे-धीरे सर्दी का प्रकोप तेज होता जा रहा है और पारा दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है.
केसीजी जिले में पिछले कुछ दिनों से आसमान में लगातार बादल छाए रहे, कभी बारिश तो कभी आसमान में बादल छाए रहे. जिससे ठंड का असर कम रहा. लेकिन पिछले एक – दो दिनों से जैसे ही बादल छंटने लगे हैं, कड़ाके की ठंड ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है, या यूं कहें कि अचानक हुई इस ठंड से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग ठंड से अपना बचाव करते नजर आ रहे हैं.
आग का सहारा
अचानक हुई ठंड ने जिले के बहुल इलाके में मुसीबतों का पहाड़ खड़ा कर दिया है. आग (अलाव ) के सामने सुबह-शाम लोग नजर आते हैं. क्रांतिकारी संदेश ने कुछ जगहों का जायजा लिया तो आग के सहारे सुबह-शाम की ठंडक देखने पहुंचे लोग. उन्होंने कहा कि ठंड में अचानक हुई इस वृद्धि ने काफी परेशानी खड़ी कर दी है और अब यह आग ही इस ठंड को भगाने का एकमात्र सहारा है.
ग्रामीण इलाकों के कैसे हैं हालात: ग्रामीण इलाकों में बारिश से हाल-बेहाल है. किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. दरअसल अधिकांश किसानों की फसलें खलिहान में रखीं हैं. किसान धान की फसल बचाने के लिए खलिहान में ही प्लास्टिक और पॉलिथिन लगाकर फसलों को गीला होने से बचाने में जुटे हैं.
मेहनत पर फिर जाएगा पानी: किसान फसलों को बचाने के लिए तिरपाल का सहारा ले रहे हैं. किसान पीताम्बर वर्मा का कहना है कि अगर फसल गीली हो गई तो नुकसान हो जाएगा और हमारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा.

Author: Rajdhani Se Janta Tak



