बड़े अतरमुड़ा के जर्जर सडक़ की कौन लेगा सुध

राजधानी से जनता तक । रायगढ़। दिया तले अंधेरा की कहावत जिला मुख्यालय से लगे बड़े अतरमुड़ा पंचायत पर पूरी तरह से चरितार्थ हो रहा है। रायगढ़ नगर निगम सीमा क्षेत्र से लगे इस पंचायत की सबसे बड़ी समस्या गांव की जर्जर हो चुकी सडक़ है। मेडिकल कॉलेज रोड, प्राची विहार से लेकर बड़ेअतर मुंडा बस्ती तक की करीब डेढ़ किलोमीटर सडक़ पिछले दो-तीन वर्षों से पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। इस सडक़ के जीर्णोद्धार के लिए पंचायत के लोगों ने कई बार गुहार लगाई। परंतु स्थिति जस की तस है। खास बात यह है कि मेडिकल कॉलेज रोड, प्राची विहार से उड़ीसा राष्ट्रीय राजमार्ग को जोडऩे वाली इस सडक़ की दुर्दशा को लेकर किसी ने सुध नहीं ली।

दूसरी तरफ बड़े अतरमुड़ा बस्ती के सडक़ और केलो बिहार को जोडऩे वाले दूसरी सडक़ के दुर्दशा से जहां स्कूली बच्चों को हमेशा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं यहां के वासीदों को बड़ी मुश्किलें हो रही हैं। दरअसल रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र से लगा बड़े अतरमुड़ा पंचायत को दोहरी मार झेलनी पड़ रही। है बताया जाता है कि केलोनदी पर बोदाटिकरा के समीप स्थित फिल्टर प्लांट से पाइपलाईन ले जाने के लिए बड़े अतरमुड़ा बस्ती की मुख्य सडक़ को खोद दिया गया था। हालांकि उस दौरान ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो पाईप लाईन बिछाने वाली ठेका कंपनी और निगम प्रशासन की ओर से सडक़ की रिपेयरिंग पूरी करने की बात कही गई। लेकिन पाईप लाईन बिछाने के बाद नगर निगम ने इसकी सुध नहीं ली। हालांकि स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत के लोग निगम दफ्तर जाकर महापौर, निगम आयुक्त और कलेक्टर से भी जर्जर सडक़ का जीर्णोद्धार करने की कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन पंचायत क्षेत्र होने के कारण फंड का रोना रो कर ग्रामीणों को चलता कर दिया गया। जिससे ग्रामीण तत्कालीन लैलूंगा विधायक से भी विधायक मद से सडक़ निर्माण के लिए राशि जारी करने की गुहार चुके हैं। परंतु किसी ने इसकी शुद्ध नहीं ली जिसके चलते अब विधानसभा चुनाव होने के बाद पंचायत की ओर से बस्ती के अंदर की सडक़ पर मलमा डालकर गड्ढ़ों को भरा जा रहा है। लेकिन बस्ती से बाहर मेडिकल कॉलेज रोड को जोडऩे वाली यह सडक़ के बाकी का हिस्सों पर बड़े-बड़े गड्ढे अब भी बने हुए हैं। जिससे दोपहिया, चार पहिया वाहनों की आवागमन पर हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सडक़ बीते दो-तीन वर्षों से पूरी तरह से जर्जर होकर उधर चुकी है। गिट्टी नाम की चीज भी नजर नहीं आती। तीन-चार फीट के बड़े-बड़े गड्ढों और कीचड़ के चलते बरसात के दिनों में यह सडक़ बेहद खतरनाक हो जाता है। बावजूद इसके प्रशासन और जनप्रतिनिधि इसकी दुर्दशा सुधारने गंभीर नहीं दिख रहे हैं। जिससे स्थानीय ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि बड़े अतरमुड़ा पंचायत के लोगों की ना तो जिला प्रशासन सुध ले रहा है, और ना ही निगम प्रशासन और स्थानीय विधायक तो लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र के होने के कारण कभी सुध लेने भी नहीं आते। जिससे ग्रामीण जिला मुख्यालय की सीमा से लगे होने के बाद भी उपेक्षा का जीवन जी रहे हैं।

आम सडक़ की सुध नहीं ले रहा प्रशासन
बड़े अतरमुड़ा पंचायत एसीसीएल महाप्रबंधक कार्यालय से लगा हुआ है। पास में ही एक निजी विद्यालय है। गांव की इस सडक़ से हर दिन सैकड़ो लोगों का आवागमन होता है। स्कूली बच्चों से लेकर आम शहरी भी इस मार्ग से आते-जाते हैं। स्कूली बसों का संचालन इसी मार्ग से होता है पुसौर क्षेत्र के अलावा गढ़उमरिया, नेतनागर और कबीर चौक क्षेत्र के लोग केलो नदी पर बोदाटिकरा के समीप पुल से पर होकर मेडिकल कॉलेज और टीवी टावर मार्ग पर आना-जाना करते हैं। इसके बावजूद प्रशासन इस जर्जर सडक़ के जीर्णोद्धार के लिए सुध नहीं ले पा रहा है। यह लोगों के समझ से परे है।

भारी वाहनों का आवागमन बंद
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद बड़े अतरमुड़ा पंचायत की इस बस्ती में कांक्रीट सडक़ का निर्माण किया गया था। ग्रामीण बताते हैं कि उसके बाद 2006-7 में इस सडक़ का डामरीकरण भी किया गया। उस दौरान केलोनदी पर बोदाटिकरा के समीप पुल का निर्माण हुआ था। पुल निर्माण के बाद इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन भी शुरू हो गया। जिससे सडक़ की हालत पूरी तरह से जर्जर हो गई। सडक़ पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए लेकिन इन गड्ढों को पाटने और सडक़ की दुर्दशा को सवांरने की दिशा में कोई पहल नहीं हुई। बताया जाता है कि मौजूदा दौर में प्राची विहार के पास सडक़ पर लोहे के खंबे गड़ा कर भारी वाहनों की आवागमन को अवरुद्ध कर दिया गया है। हालांकि इससे दो वर्ष पहले बोदाटिकरा पुल के पास भी सडक़ पर भारी वाहनों का आवागमन अवरूद्ध करने लोहे के खंबे गड़ाये गए थे। लेकिन बाद में उसे निकाल लिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर बड़े-बड़े डंपर चलते हैं। जिससे सडक़ पूरी तरह से जर्जर हो गई है। अब बड़े वाहनों का आवागमन तो बंद कर दिया गया है। लेकिन जर्जर सडक़ का पुनर्निर्माण कौन करेगा? यह पता नहीं। ग्रामीण सडक़ का पुनर्निर्माण जल्द से जल्द करने की मांग कर रहे हैं।

गड्ढों पर मलमा पाट रहे ग्रामीण
बड़े अतरमुड़ा पंचायत क्षेत्र की सडक़ की दुर्दशा से परेशान ग्रामीणों ने पंचायत से गुहार लगाई तो सरपंच ने मलवा से बस्ती के भीतर की सडक़ की मरम्मत का काम शुरू कराया। बताया जाता है कि पंचायत के पास इतनी रकम नहीं है कि सडक़ का जीर्णोद्धार कर सके। जिससे इंट भट्ठे के मलमा चुरा को गड्ढों में भरने के लिए ट्रैक्टर से मंगाया गया है। ग्रामीण अपने घरों के सामने बने बड़े-बड़े बड्ढों पर कांवर से उठाकर फावड़े से लेवल करने में सहयाग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि आज तक विधायक मद से फूटी कौड़ी पंचायत को नहीं मिली है। इस स्थिति में लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत इस पंचायत के होने का कोई लाभ नहीं मिला है। इससे अच्छा तो यह होता कि बड़े अतरमुड़ा पंचायत को रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में शामिल कर लिया जाता। जिससे उन्हें विधायक से मिलने के लिये कम से कम लैलूंगा तो जाना नहीं पड़ता।

Rajdhani Se Janta Tak
Author: Rajdhani Se Janta Tak

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