राजधानी से जनता तक । रायपुर । रविशंकर पांडेय । पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य श्री द्वारा सनातन धर्म के वाहक छत्तीसगढ़ प्रदेश के नवनियुक्त गो दूत देवेश मिश्रा ने आज एक महत्वपूर्ण पत्रवार्ता ली।
प्रदेश गो दूत देवेश मिश्रा ने बताया कि राष्ट्र धर्म संस्कृति के अविरल विकास की जननी गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के उद्देश्य से “गो माता” की रक्षा करने का महान संकल्प का अभियान प्रारम्भ है। देश के चारों पीठों के पूज्य जगतगुरू शंकराचार्य शारदापीठ द्वारका श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज, श्री गोवर्धन मठ पूरी श्री निश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री ज्योतिर्मठ बदरिकाश्रम स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी, श्री श्रृंगेरीशारदापीठ स्वामी भारती तीर्थ, श्री विधुशेखर भारती जी महाराज जी के निर्देशानुसार इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक राज्य में “गो दूत” नियुक्त किया गया है।
“गो माता-राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आंदोलन” के तत्वाधान में “गो संसद ” की आधारशिला गत दिवस 12 दिसंबर को काशी (वाराणसी) में रखी गई। इस सभा में भारत के सभी प्रदेशों में “गो-दूतों” की नियुक्ति की गई।
आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी आजादी के सूत्रधार, अमृत की प्रदाता हमारी आस्था और श्रद्धा का केंद्र, सात्विक (पॉजिटिव) ऊर्जा का स्रोत, राष्ट्र की सुख समृद्धि का मूल आधार, शुभ अवस्थित उत्तम विकास व अर्थव्यवस्था का मेरुदंड, राष्ट्र धर्म व संस्कृति के अविरल विकास की जननी, गो की हत्या का कलंक ऋषि मुनियों की इस पवित्र तपोभूमि भारत से समाप्त करना है।”गो माता” को राष्ट्र माता का सर्वोच्च सम्मान प्रदान करवाने हेतु हमारे राज्य के सभी संसदीय क्षेत्र में से गो राष्ट्रभक्ति कर्तव्यनिष्ठ संतों की नियुक्ति करके, विक्रम संवत 2080 माघ कृष्ण पक्ष एकादशी दिन मंगलवार तदनुसार दिनांक 6 फरवरी 2024 ई को श्री शंकराचार्य शिविर माघ मेला क्षेत्र प्रयागराज तीर्थ में होने जा रही गो संसद में पहुंचने का निर्णय लिया गया है। हमारे प्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में इस गो प्रतिष्ठा आंदोलन अभियान का वातावरण निर्माण करने चारों पीठों के पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य व राष्ट्र के प्रतिष्ठित संत महापुरुष और प्रधान पीठों के आचार्य का आदेश तथा इस कार्य की सफलता का दायित्व हमें प्राप्त हुआ। प्रदेश की सभी प्रतिष्ठित संत महापुरुषों व समस्त सनातनियों को पूज्य शंकराचार्य के आदेश अनुसार एकजुट होकर इस स्वतः स्फूर्त गो प्रतिष्ठा आंदोलन को संपूर्ण देश में गति प्रदान करना है।
प्रदेश गो दूत देवेश मिश्रा ने आगे बताया कि दिनांक 4 फरवरी 2024 को वृंदावन में सभी प्रदेशों के गो भक्तों की एक विशेष गो-सभा आयोजित होगी, जिसमें आंदोलन के विभिन्न पहलुओं पर विचारविमर्श करते हुए संकल्प लिया जाएगा।
दिनांक 15 फरवरी से 23 जनवरी 2024 तक दिल्ली में “गो- प्रतिष्ठा आंदोलन” हेतु 11 गो – विशेषज्ञ समूह की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें गो धर्म विशेषज्ञ, गो आर्थिक विशेषज्ञ, गो ऊर्जा विशेषज्ञ, गो कानून विशेषज्ञ, गो विज्ञान विशेषज्ञ, गो राजनीति विशेषज्ञ, गो संगठन विशेषज्ञ, गो मीडिया विशेषज्ञ, गो प्लेसमेंट (रोजगार) विशेषज्ञ, गो व्यवहार विशेषज्ञ, गो पर्यावरण एवं गो पंच तत्व विशेषज्ञ होंगे।
आंदोलन के अगले चरण में दिनांक 30 जनवरी 2024 को “गो विशेषज्ञों” से प्राप्त आंकड़ों एवं निष्कर्ष के साथ “गो प्रतिष्ठा आंदोलन” के लोगों का प्रतिनिधिमंडल देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री से जाकर मिलेंगे।
यदि इसके उपरांत भी सफलता नहीं मिली तो आंदोलन के अगले चरण में 6 फरवरी 2024 को प्रयागराज तीर्थ में एक वृहद “गो संसद” का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के सभी संसदीय क्षेत्र से “गो प्रतिनिधि” गोकुल संसद में सम्मिलित होंगे और देश की जनता की ओर से प्रस्ताव पारित किया जावेगा।
इसके उपरांत भी यदि कोई परिणाम नहीं आता है तो आध्यात्मिक उपायों एवं वैदिक शक्तियों को प्रधानता देते हुए इस पवित्र “गो आंदोलन” की सफलता हेतु आवाहन किया जावेगा, जिसमें स्वस्फूर्त गो प्रतिष्ठा आंदोलन के तत्वाधान में 10 फरवरी से 19 फरवरी तक दिल्ली के रामलीला मैदान में अश्वमेघ महायज्ञ किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी श्री महंत पूज्य रवींद्र पुरी जी महाराज अध्यक्ष अखिल भारतीय सनातन परिषद व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को दिया गया है। दिनांक 14 फरवरी से 20 फरवरी तक मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के ब्रह्म घाट पर गौर रुद्र महायज्ञ किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी महामंडलेश्वर पूज्य साध्वी श्याम दीदी जी को दिया गया है।
दिनांक 15 फरवरी से 21 फरवरी तक महाराष्ट्र प्रदेश के अमरावती में सिद्ध बाल हनुमान आश्रम डेवरगांव में कामधेनु महायज्ञ किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी 1008 महात्यागी पूज्य माधव दास जी महाराज जी को सौपी गई है।
इन क्रमबद्ध आंदोलनों के बाद भी यदि “गो प्रतिष्ठा आंदोलन” के पक्ष में गो संसद संतों के मतानुसार परिणाम नहीं आया, तो दिनांक 10 मार्च 2024 को संपूर्ण देश से दिल्ली में प्रदेशो के गो दूत, लोकसभा के गो प्रतिनिधि एकत्रित होंगे और दिनांक 6 फरवरी 2024 को आयोजित गो संसद द्वारा पारित प्रस्तावों के अनुसार कार्य करते हुए गौ माता को राष्ट्र माता की प्रतिष्ठा दिलाने हेतु अंतिम हर एक आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।
विद्वान संतो द्वारा पहले से ही यह तय हो चुका है, और इसकी घोषणा की जा चुकी है कि आने वाला “नव संवत्सर” “गो संवत्सर” ही होगा।
प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से छत्तीसगढ़ राज्य के गो दूत आचार्य देवेश मिश्रा, सीताराम ठाकुर, ज्ञानेश्वर प्रसाद ताम्रकार, आनंद महाराज उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में सभी 11 लोकसभा में प्रत्येक में गो प्रतिनिधि की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्णता की ओर है। कुछ दिनों में उनकी घोषणा कर दी जावेगी, साथ ही आगे इसका विस्तार जिला व ग्राम स्तर पर भी होगा।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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