राजधानी से जनता तक । दुर्ग । जिले की विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्रीअरुण साव, कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से विधानसभा भवन रायपुर में दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चन्द्राकर, प्रदेश सह संयोजक व्यापारिक प्रकोष्ठ कांतिलाल बोथरा के साथ प्रदेश सहसंयोजक शिव चन्द्राकर आर्थिक प्रकोष्ठ एवम ईश्वरी देवांगन ने विभिन्न मांगो को लेकर मुलाकात किए। प्रमुख मांगो में दुर्ग में सिटी बसों का संचालन कांग्रेसी शासन कार्यकाल से जो बंद हुआ है वह आज दिनांक तक चालू नहीं हो पाया है। हमारी मांग है की जितनी भी सिटी बसें हों वे सभी इलेक्ट्रॉनिक हों ताकि प्रदूषण से मुक्त हो। पूर्व में डॉ रमन सिंह के कार्यकाल में जो सिटी बसें चला करती थी उनसे ग्रामीण हो या शहरी जनता उन्हें किराए की दृष्टिकोण से काफी सस्ता हुआ करता था। साथ ही जिन्हें एयरपोर्ट जाना रहता था वह बड़े ही सुगमता से कम किराए भाड़े पर दुर्ग से एयरपोर्ट आना जाना किया करते थे। वे सभी बसें गैरेज में सड़ते हुए पड़ी हुई है, जिन्हें तात्कालिक दुर्ग जिले की जनता को राहत पहुंचाने की दृष्टिकोण से रिपेयरिंग कर पुन: प्रारंभ किया जाना चाहिए। दूसरी मांग के रूप में दुर्ग जिले के रेलवे स्टेशन में लगभग चार जिलों बेमेतरा, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग के असंख्य यात्रीगण जो मेट्रो सिटी जैसे मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, कोलकाता आने जाने के लिए भटकना पड़ता है क्योंकि बाहर से आने जाने वाली ट्रेनों में बहुत ही कम सीटों का आरक्षण दिया जाता है जिससे मजबूर होकर इस क्षेत्र की जनता महंगे किराए की टैक्सी लेकर महंगा फ्लाइट की टिकट लेकर उन्हें अपने गंतव्य में आने जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है अगर दुर्ग रेलवे स्टेशन से इन सभी स्टेशनों के लिए सीधी रेल सेवा प्रारंभ होने पर यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा सीटों का आरक्षण प्राप्त होगा। इन सुविधाओं के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी मांग पत्र दिया गया है। तीसरी मांग के रूप में राजनंदगांव टोल प्लाजा को बंद किए जाने का या दुर्ग 07 के फोर व्हीलर गाडिय़ों को टैक्स फ्री किया जाए या न्यूनतम से न्यूनतम टोल वसूल किया जाए। क्योंकि दुर्ग की सरहद अंजोरा तक है। वहां से राजनांदगांव की दूरी मात्र 17 किलोमीटर है जिसके लिए बिना फास्ट ट्रैग के 350 रुपया टोल ले लिया जाता है तथा फास्ट ट्रैग से 150 रु वसूल किया जाता है इतनी कम दूरी के लिए इतना भारी टोल लेना दुर्ग कीआम जनता को आर्थिक क्षति पहुंचाने के बराबर है, जबकि कानून यह कहता है की 60 किलोमीटर के दायरे में दो टोल प्लाजा नहीं होना चाहिए। जबकि दुर्ग टोल प्लाजा तथा राजनांदगांव टोल प्लाजा की दूरी मात्र 17 किलोमीटर के आसपास है जो अवैधानिक है। जिसकी शिकायत सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी की गई है। चौथी मांग के रूप में स्वास्थ्य मंत्री से दुर्ग जिला चिकित्सालय व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो मैं स्पेशलिस्ट डॉक्टर नर्स की भारी कमी तथा स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित मशीन या तो बंद पड़ी है या तो उपलब्ध ही नहीं है तथा दवाइयां की भी भारी कमी है जिसकी वजह से मरीज को अन्यत्र प्राइवेट हॉस्पिटल में भेज दिया जाता है। इसी तरह दुर्ग जिले की अनेक जनहित के मुद्दो को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रियों से भेंट मुलाकात किया गया।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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