राजधानी से जनता तक|कोरबा| जिले की सडक़ों पर भारी वाहनों के कारण बढ़ते हादसों और पिछले दिनों बालको रूमगरा मार्ग पर भारी वाहन की टक्कर से तीन युवकों की मौत को गंभीरता से लेते हुए सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने इस बात पर सवाल उठाया है कि आखिर क्षमता से अधिक भारी वाहनों को छूट क्यों दी जा रही है? इसमें प्रमुख तौर पर बालको के ऐश डाइक से 14 से 16 चक्का वाहनों का परिचालन हो रहा है। ऐसे भारी वाहनों पर प्रतिबंध होने के बाद भी इनके चालन-परिचालन से ऐश डेम के टूटने का खतरा तो है ही, आम जनता भी सडक़ हादसों का शिकार हो रही है क्योंकि ऐसे वाहनों के चालक तेज रफ्तार से दौड़ते रहते हैं। बालको के अलावा एनटीपीसी के राखड़ बांध से भी चलने वाले भारी वाहनों के द्वारा नियमों का उल्लंघन सामने आता रहा है। हमारे युवा पदाधिकारियों ने इस संबंध में प्रशासन का ध्यान भी दिलाया लेकिन किसी तरह की कार्यवाही आज तक नहीं हुई है, आखिर इसकी वजह क्या है?
सांसद ने कहा है कि क्षेत्र की यह एक बड़ी जनसमस्या है जिसके निराकरण हेतु 14-16 चक्का भारी वाहनों को बालको क्षेत्र में प्रतिबंधित करना चाहिए ताकि इनके कारण निर्मित होने वाली भावी समस्याओं को समय रहते टाला व रोका जा सकें।

Author: Sangam Dubey
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