राजधानी से जनता तक । दिल्ली । आयात में उल्लेखनीय गिरावट के कारण देश का वस्तु व्यापार घाटा फरवरी में 18.71 अरब डॉलर की तुलना में मार्च में 11 महीने के निचले स्तर 15.6 अरब डॉलर पर आ गया।
वस्तु व्यापार घाटा किसी देश की वस्तुओं के निर्यात से होने वाली कमाई और आयातित वस्तुओं के लिए किये गये भुगतान का अंतर है। पिछले साल मार्च में यह 18.96 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक आर्थिक मंदी और लाल सागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव के कारण शिपिंग में व्यवधान के बीच मार्च में निर्यात में 0.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई और यह 41.68 अरब डॉलर हो गया।
इलेक्ट्रॉनिक आइटम, फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग सामान जैसे 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 17 ने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में मार्च में निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की।
माह के दौरान आयात 5.98 प्रतिशत घटकर 57.28 अरब डॉलर रह गया जिससे व्यापार घाटा कम करने में मदद मिली। जिन प्रमुख वस्तुओं के आयात में गिरावट दर्ज की गई उनमें सोना, उर्वरक, चमड़ा उत्पाद, लोहा और इस्पात और पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं।
देश का वस्तु व्यापार घाटा 31 मार्च को समाप्त पूरे वित्तीय वर्ष के लिए 9.33 प्रतिशत घटकर 240.17 अरब डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान निर्यात 3.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 437.06 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 5.41 प्रतिशत गिरकर 677.24 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, वित्त वर्ष 2023-24 व्यापार के दृष्टिकोण से कठिन था क्योंकि न केवल यूक्रेन-रूस संघर्ष जारी रहा, बल्कि अन्य संघर्ष भी सामने आए। विश्व स्तर पर लाल सागर और मंदी के साथ-साथ दूसरे बड़े मुद्दे थे। लेकिन भारत ने सभी बाधाओं को हरा दिया है।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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