बुलडोजर पलटी होते वक्त कोयला लोड ट्राला आया चपेट में जो हुई छतिग्रस्त
क्या एसईसीएल प्रबंधन भटगांव के मनमानी के सामने सभी नियमों ने टेका घुटना जहा सुरक्षा एजेंसियों के साथ साथ जॉच एजेंसियां, स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन की मिली मौन स्वीकृति..?
मोहन प्रताप सिंह
राजधानी से जनता तक. सूरजपुर/भटगांव:– जिले के भटगांव एसईसीएल क्षेत्र और प्रबंधन इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है जहां कोल ट्रांसपोर्ट मेल लगे ड्राइवर को हाई पावर कमेटी के द्वारा निर्धारित वेतन न देने की बात हो, कोल ट्रांसपोर्ट के ड्राइवरों को 12 घंटे से 24 घंटे काम करने की बात हो, कोल ट्रांसपोर्ट के परिवहन नियमों को ताक में रखकर कोयला परिवहन निर्धारित स्थान से सीएचपी और वारफाल तक कराने की बात हो, सीएचपी और वारफाल में जी9, जी10, जी11 के कोयला को मिलावट कर अच्छी ग्रेट की कोयला बनाने की बात हो, खदान में पत्थर और अन्य चीजें मिलाकर खदान की उत्पादन क्षमता ज्यादा दिखाकर कोयला परिवहन कराने की बात हो जिसका एसईसीएल भटगांव प्रबंधन और अधिकारी खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए सहयोगियों को फायदा पहुंचाते हुए खुद मोटी मलाई खाने में लगे हुए जिस पर विभाग की सुरक्षा एजेंसियों की और ना ही स्थानीय व जिला प्रशासन की नजर पड़ती दिखाई नहीं देती वहीं बड़े स्तर के सुरक्षा जांच एजेंसी कभी कभार जांच करने आते भी है लेकिन वह भी सिर्फ कागजी फॉर्मेलिटी पूरा करके चलते बनते है क्योंकि कहा जाता है ना कि पैसे में बहुत ताकत होती है और पैसा अच्छे अच्छों को झुका देती है फिर सुरक्षा जांच एजेंसी क्या है..? वैसे ही आज दोपहर में वारफाल साइडिंग में रेलवे रैक को लोड करते वक्त एक बुलडोजर पलटी हो गई और पलटी होते वक्त एक कोयला लोड ट्राला भी चपेट में आ गया जिस ट्राला की इंजन क्षतिग्रस्त हो गया वही सूत्रों के अनुसार रेलवे रैक में जब लोडिंग का कार्य बुलडोजर से जारी होता है तो ट्रांसपोर्ट की कोई भी गाड़िया लोड लेकर उसके लोडिंग एरिया में जा नहीं सकती कोयला खाली करने के लिए तो फिर ये कोयला लोड ट्राला लोडिंग एरिया में कैसे पहुंची..?
रेल डिब्बे में डोजर से कोयला लोड करते समय ट्राला को खाली करने की अनुमति नहीं
कोयला खदान में रेल डिब्बे में डोजर से कोयला लोड करते समय कोयला लोड ट्राला को ले जाकर खाली करने की अनुमति नहीं है। कोयले की लोडिंग बुलडोज़र या फिर मशीन से होती है. कोयला खदान से निकलने के बाद, उसे पिट हेड पर लाया जाता है. यहां कोयले का स्टॉक यार्ड बना होता है। फिर स्टॉक यार्ड में माल गाड़ी को लगा दिया जाता है और वैगनों में कोयले को लोड कर दिया जाता है।
सीएचपी और वारफल के बीच रोजाना खेला जाता है कोयला में मिलावट का बड़ा खेल
एसईसीएल भटगांव अंतर्गत सीएचपी और वारफल के बीच बड़े स्तर पर कोयला में मिलावट का खेल खेला जा रहा क्या यह खेल एसईसीएल प्रबंधन के दिशा निर्देश पर लगातार खेला जा रहा है ?, जहां बड़े से बड़े स्तर के सुरक्षा एजेंसी की नजर इस दिशा में नहीं पड़ती। सूत्रों की मानें तो एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के कोयला खदानों से ट्रांसपोर्टिंग के माध्यम से जी9, जी10 और जी11 के कोयला भटगांव वारफल फाल में लाकर गिराया जाता है माला गाड़ी के रैक में लोडिंग के लिए ट्रांसपोर्टिंग के कई गाड़ियों के कोयल को वारफाल में न गिराकर वारफल के रेल लाइन को क्रास कर सामने गिरा दिया जाता और यही होता है मिलावट का बड़ा खेल जहां अच्छे क्वालिटी के कोयला में खराब कोयला और सेल स्टोन व मिट्टी को मिलाकर उत्पादन की मात्रा को बढ़ाया जा रहा है गुणवत्ता पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं जहा प्रबंधन को कंपनी द्वारा मिले उत्पादन लक्ष्य को बिना किसी मेहनत के आसानी से समय से पूर्व पूरा कर लिया जाता है। यह भ्रष्टाचार का बड़ा खेल भटगांव क्षेत्र के प्रबंधन द्वारा काफी समय से किया जा रहा है इसके अलावा कोल ग्रेडिंग में लंबे समय से सुनियोजित भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है क्योंकि एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के महान 3 ओ सी एम में तीन ग्रेड का कोयला पाया जाता है जो जी9, जी10 और जी11 होता है एसईसीएल प्रबंधन भटगांव के दिशा निर्देश पर जी10 और जी11 के कोयले को G9 कोयला का स्टॉक कागजों में सुंयोजित ढंग से बता कर भेजा जाता है। इन कोयला का क्वालिटी की जांच को लेकर बड़ी-बड़ी जांच एजेंसियां सिर्फ हाथों में हाथ डाल सिर्फ मूक दर्शक बने हुए है जो सिर्फ कागजी खानापूर्ति में लगे हुए है।
प्रबंधन मेहरबान तो क्यों न हो मिलावट का खेल
कोयला खदानों में जी9, जी10, और जी11 कोयले में मिलावट का खेल खेला जा रहा है। इसमें अच्छी क्वालिटी के कोयले में खराब कोयला, सेल स्टोन, और मिट्टी मिलाकर उत्पादन की मात्रा बढ़ाई जा रही है। इससे कोयले की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते हैं। भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के मुताबिक, गैर-कोकिंग कोयले का ग्रेडेशन सकल कैलोरी मान (जीसीवी) पर आधारित है। कोकिंग कोयले का ग्रेडेशन राख सामग्री पर आधारित है। वहीं, अर्ध कोकिंग या कमजोर कोकिंग कोयले के लिए यह राख प्लस नमी सामग्री पर आधारित है। कोयले के नमूनों के विभिन्न गुणों का निर्धारण बम कैलोरीमीटर विधि द्वारा निकटतम विश्लेषण हार्डग्रूव ग्राइंडबिलिटी विश्लेषण कैलोरी मान द्वारा प्रयोगशाला में किया जाता है।
सूत्र बताते है
सूत्र बताते है की अन्य खदानों से उत्पादन होकर जो कोयला परिवहन कर सीएचपी लाया जाता उसको वारफाल के पास गिराया जाता है सभी गाड़ियों से थोड़ा थोड़ा जो ओवर लोड कर लाते है कोयला उस कोयला को वारफल के नीचे गिरा कर भटगांव कालरी के स्टॉक में दिखा कर भेजा जाता है जिससे भटगांव कालरी बिना कोयला उत्पादन के चल रहा है। यह खेल भटगांव कोल माइंस में जो मिलावट का खेल पिछले लगभग 5 से 6 वर्षो से भटगांव क्षेत्र के विभिन्न कोल माइंस से परिवहन किए जाने वाले कोयला में सीएचपी और वारफल भटगांव में डोजर से मिलावट का खेल होता है मिलावट कर कोयला को अच्छा ग्रेड का कोयला बता कर रेल बैगन में लोडिंग कराकर भेजा जा रहा है इन क्षेत्र में कोयला का जो परिवहन किया जा रहा है उस कोयला का ग्रेडिंग, स्टॉक व इनसे संबंधित दस्तावेजों का सही जांच यदि एसईसीएल कंपनी को छोड़ बाहर के जांच एजेंसियों द्वारा कराया जाए तो भटगांव एसईसीएल कोल माइंस में खेले जा रहे एक बड़ा भ्रष्टाचार का उजागर होगा जहा एक दिन पहले हमारे द्वारा मिलावट के कारनामा को कैमरे में कैद किया गया जहा डोजर कोयला में मिलावट कर हाईवा में लोड कर हाईवा के द्वारा सीएचपी में पहुंचाया जाता है। अब आप ही समझे जब कोल ट्रांसपोर्ट के माध्यम से कोयला वारफल में गिराया जाता है तो वारफाल में गिराया गया कोयला को रेल लाइन क्रास कर लगभग 50 फिट नीचे क्यों गिराया जाता है और उस कोयला को दुबारा उठाकर सीएचपी क्यों ले जाया जाता है क्योंकि साहब यही खेला जाता है कोयला में मिलावट का बड़ा खेल जिसे एसईसीएल प्रबंधन सहित बड़े अधिकारी सिर्फ मूक दर्शक बने देखते रहते हैं।