राजधानी से जनता तक । सरिया । सर्वविदित है कि ग्राम पंचायत गोबरसिंहा में सन् 1950 से 1960- 65 के समय में लगभग 365 एकड़ शासकीय भूमि शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज है लेकिन वर्तमान समय में आज यहां कुछ ही जमीन बची हुई है और उनको भी इस ग्राम पंचायत में दबंग रशुखदार जमीन दलालों द्वारा दूसरे ग्राम से आए हुए लोगों और ग्राम पंचायत के ही लोगों को औने पौने दाम पर बेच रहे हैं और खरीददारों द्वारा बकायदा डंके की चोट पर आलीशान घर बना कर निवास कर रहे हैं। वैसे तो बरमकेला ब्लाक भर में शासकीय भूखंडों की खरीदी बिक्री काफी तेजी से चल रहा है जिसमें जमीन दलालों का भूमिका काफ़ी सक्रिय देखी जाती रही है और कम दामों की जमीन में जहाँ पर दलाल की भूमिका हो वहां पे जमीन की दाम (भाव)आसमान छूने लगता है।
आपको बता दें ताज़ा मामला सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला के बरमकेला विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गोबरसिंहा की है जहाँ दबंग रशुखदार दलालों के माध्यम से छोटे झाड़ के जंगल (नजुल जमीन ) को स्टाम्प पेपर में शपथ पत्र बनवाकर खरीदी बिक्री की गई है और काफ़ी मोटी रकम को आपस में बटवारा किया गया है। वहीं नजुल जमीन की खरीददार दूसरे जगह से ताल्लुक रखता है, अगर नजुल जमीन की खरीददार गोबरसिंहा का ही रहता तो उक्त जमीन को कब्जा माना जा सकता था लेकिन कहीं दूसरे गांव से है तो यह जमीन खरीदी बिक्री को दलालों का बिजनेश कहाँ जा सकता है सूत्रों के माने तो ग्राम पंचायत गोबरसिंहा में छोटे झाड़ के जंगल, खेल मैदान जैसे अन्य कई शासकीय भूमि को टुकड़ों टुकड़ों में खरीदी बिक्री की जा रही है और उक्त शासकीय भूमि पर कब्जा कर आलीशान घर बना कर निवास कर रहे हैं।
मामले में लिखित शिकायत के बाद तहसीलदार की भूमिका सराहनीय…..
प्राप्त जानकारी अनुसार इस मामले में इसी ग्राम पंचायत के एक युवा द्वारा तहसील कार्यालय सरिया में कल गुरुवार को एक लिखित शिकायत दर्ज करवाई गई है जिस पर संबंधित अधिकारी द्वारा मामले की गंभीरता को भांपते हुए संबंधित हल्का पटवारी को जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतू निर्देश दिया गया हैजिसके आधार पर आज जांच करने पटवारी पहुंचे हुए थे शिकायत सही पाया गया है और मौका स्थल पर दबंग रशुखदार लोगों द्वारा अवैध रूप से मकान निर्माण कर निवासरत और व्यावसाय संचालित करना पाया गया।
उक्त मामले में कुछ अनसुलझे सवाल सामने आ रहे हैं……?
इस मामले में जब हमारी टीम ने उक्त ग्राम पंचायत के आम नागरिकों से जाननी चाही तो उन्होंने बताया कि यहां पर लंबे अरसे से एक ही वर्ग विशेष का सिक्का चलता आ रहा है जो आज भी बदस्तूर जारी है इसलिए इस मामले में कुछ लोगों ने बताया कि यहां पर साप्ताहिक बाजार से लगा हुआ एक शासकीय भूमि है जिसे इसी ग्राम पंचायत के ही एक रशुखदार कांग्रेस नेता जिनकी काफी ऊपर तक पहुंच रखता है के द्वारा शासकीय भूमि को अपने कब्जे में लेकर अपनी राजनैतिक वर्चस्व कायम कर एक व्यवसायिक उपयोग करने हेतू मकान निर्माण कर दूध सोसाइटी संचालित किया जा रहा है और शासन प्रशासन को छती पहुंचाते हुए ठेंगा दिखा रहा है….?
उक्त मामले में जमीन कहीं और तथा कब्जा कहीं और, राजस्व अधिकारी असमंजस में…….?
उक्त मामले में सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार यह बात सामने आई है कि शासकीय भूमि को व्यवसायिक उपयोग कर रहे रशुखदार अवैध कब्जाधारी द्वारा तहसील कार्यालय में चल रहे मामले में संबंधित अधिकारी द्वारा कब्जा किए गए जमीनों की साक्ष्य पेश करने हेतू निर्देश दिए जाने पर एक रशुखदार द्वारा ऐसा दस्तावेज प्रस्तुत किया गया है जिसमें खसरा नंबर कहीं और का है तथा कहीं दूसरे जगह पर कब्जा कर मकान निर्माण कर उपभोग किया जा रहा है???
बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में क्या राजस्व विभाग द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत के दबंग रशुखदार अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही किया जाएगा या अन्य मामलों की तरह इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा…..???
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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