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मिशन जटायु ने…… एसईसीएल प्रबंधन भटगांव के भ्रष्ट अधिकारियों और कमीशन खोरी के समक्ष टेका घुटना।

एसईसीएल क्षेत्र में हो रहे गलत कार्यों पर महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार क्यों आधे चुप्पी क्या इनको अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिलासपुर का मिल रहा है संरक्षण ?

क्यों एसईसीएल भटगांव के अधिकारी सुधीर कुमार के ट्रांसफर होने पर भी रुक जाती है ट्रांसफर आदेश महाप्रबंधक प्रदीप कुमार की कार्यशैली पर उठे सवाल….?

सूत्रों के अनुसार सुधीर कुमार का कार्यकाल में 2 बार हो चुका है ट्रांसफर जहा पैसा और पहुंच के दम पर विभागीय साठ गांठ से ट्रांसफर रुकवा कर सेल्स विभाग के कमीशन के रुपए से भर रहा है जेब

मोहन प्रताप सिंह

राजधानी से जनता तक. सुरजपुर/भटगांव:– आखिर इन अधिकारियों की क्यों नहीं हो रही अन्य क्षेत्रों में ट्रांसफर….? किसी अधिकारी की ट्रांसफर हो भी जाती है तो किसकी मेहरबानी है जो इन अधिकारियों के ट्रांसफर प्रक्रिया रुकवा कर यथावत कर दी जाती है सेल्स विभाग के मलाई दार अधिकारी का पिछले वर्ष ई 5 से ई 6 में प्रमोशन हुआ था एसईसीएल से एमसीएल महानदी कोल फील्ड ट्रांसफर करते हुए पोस्टिंग किया गया था जो की अन्य सब्सिडी ट्रांसफर पोस्टिंग प्रक्रिया में आता है जो ऊंची पहुंच के दम पर उसको भी रुकवा कर प्रतिनियुक्ति के रूप में एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर काबिज है जो की क्षेत्रीय विक्रेय प्रबंधक इनका मूल पद है जिसे माइंस मैनेजर यानी खनन प्रबंधक है। एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के सेल्स विभाग में कार्यरत अधिकारी सुधीर कुमार कई वर्षो से एक ही स्थान पर जमे हुए है जो अखिर भटगांव क्षेत्र को छोड़ना क्यों नहीं चाहते जबकि उनका स्थानान्तरण विगत दो वर्षों में कई बार अन्य क्षेत्रों के लिए किया जा चुका है पर अधिकारियों को खुश कर वापस भटगांव में उसी विभाग में जमे हुए है क्योंकि काली कमाई का अखाड़ा शायद सेल्स विभाग में इन्होंने बना रखा है वही हैरानी तब होता है जब जिम्मेदारी वाली पोस्ट पर इतने लंबे समय से कोई अधिकारी कंपनी के गाइडलाइन से हटकर कैसे एक ही स्थान पर हुए स्थानान्तरण को रुकवाकर कार्य करने को बेताब है और ऐसा कौन वह अधिकार है जिसके मेहरबानी से अधिकारियों के ट्रांसफर रूकवाये जाते हैं….?

प्रमोशन के बाद हुई सब्सिडी ट्रांसफर तो पुनः मूल स्थान पर पदस्थापना कैसे ?

सेल्स विभाग के प्रमुख सुधीर कुमार का पिछले वर्ष ई 5 से ई 6 में प्रमोशन हुआ था तक सुधीर कुमार को एसईसीएल से एमसीएल महानदी कोल फील्ड ट्रांसफर करते हुए पोस्टिंग किया गया था जो की अन्य सब्सिडी ट्रांसफर पोस्टिंग प्रक्रिया में आता है। सुधीर कुमार ऊंची पहुंच के दम पर उसको भी रुकवा कर प्रतिनियुक्ति के रूप में एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में एरिया सेल्स मैनेजर के पद पर काबिज है जो की क्षेत्रीय विक्रेय प्रबंधक इनका मूल पद है जिसे माइंस मैनेजर यानी खनन प्रबंधक है भी कहा जाता है।

जांच एजेंसियां क्यों सो रही है कुंभ कर्ण की नींद

देश में किसी भी विभाग में हो रहे गलत कार्यों पर रोक लगाने के लिए और उसकी जांच पड़ताल कर कार्यवाही करने के लिए जांच एजेंसियां बनाई गई है अलग-अलग विभागीय स्तर पर ताकि किसी भी क्षेत्र में गलत ना और हितग्राहियों के अधिकारों की रक्षा हो सके जहा अपनी पारखी नजर जांच एजेंसियां बनाए रखते है उस विभाग पर फिर वो एसईसीएल क्षेत्र ही क्यों न हो फिर भी संबंधी जांच एजेंसी डीजीएमएस हो पा विजलेश की टीम भटगांव एसईसीएल क्षेत्र को लेकर क्यों गहरी नींद में सोया हुआ है ये समझ से परे है या फिर ये जांच एजेंसियां मोटी रकम के रूप में मिले कमीशन के आगे घुटने टेकने पर मजबूर तो नहीं हो गया……?

कोल इंडिया के ट्रांसफर पॉलिसी को ठेका दिखाकर भटगांव एसईसीएल में जमे सुधीर कुमार

एक्सक्यूटिव का आउट ऑफ कंपनी /सब्सिडरी ट्रांसफर होने के बाद भी उसी स्थान उसी कंपनी में प्रमोशन लेकर रुकजाने का मामला अपने आपमें सबसे गंभीर मामला है आखिर किन अधिकारियों के सहयोग से स्थानांतरण रुकवाने में कामयाब हुए सुधीर कुमार कोल इंडिया ट्रांसफर पॉलिसी को ठेंगा दिखाकर आज भी भटगांव क्षेत्र में जमे हुए है जो की लंबे समय तक एक स्थान पर कोई अधिकारी कार्य नहीं करेगा स्थान बदलता रहता है वाबजूद इन्हें लगभग 8 से 10 वर्ष तक भटगांव क्षेत्र से ट्रांसफर नहीं होना एक जांच का विषय है और इनके निजी स्वार्थों और काली कमाई का केंद्र बिंदु है इसकी पुष्टि भी होती है।

क्या आउटसोर्सिंग कंपनी कर रही है कमीशन की बौछार जहां प्रबंधक हुआ मेहरबान ?

इन दिनों आउटसोर्सिंग कंपनी चेन्नई राधा इंजीनियरिंग वर्कशॉप प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से एसईसीएल प्रबंधन भटगांव प्रदीप कुमार खबरों के माध्यम से सुर्खिया बटोरने में लगे हुए जिन सुर्खियो पर कही न कही ऐसा लगता है की एसईसीएल अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिलासपुर का संरक्षण प्राप्त है क्योंकि इन दिनों आउटसोर्सिंग कंपनी चेन्नई राधा इंजीनियरिंग वर्कशॉप प्राइवेट लिमिटेड के हर गलत कार्यों पर पर्दा डालने में लगे हुए जहां मजदूरों की वेतन दर की हो, मजदूरों की कार्य अवधि की हो, मजदूरों की सुरक्षा उपकरण की हो, मजदूरों की मेडिकल सुविधा की हो या फिर मजदूर हितों से संबंधित अन्य सुविधाओं की हो जो नियम अनुसार नहीं दिया जा रहा है उस हर गलत कार्यों पर एसईसीएल महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार पर्दा डालने पर लगे हुए है वह भी ठेका मजदूरों के जान से खिलवाड़ करते हुए वही फिर बात जब सेल्स विभाग की हो और उनसे संबंधित अधिकारी सुधीर कुमार की हो तब तो बात कुछ और ही है वहां तो महाप्रबंधक भटगांव प्रदीप कुमार की मेहरबानी बनते ही दिखता है क्योंकि इनसे जुड़े सूत्रों की माने तो सेल्स विभाग ही तो वो आमदनी का एक मजबूत कड़ी है जहां से भरपूर मात्रा में कमीशन आता है जिससे दलाल, अधिकारी और कई एजेंसियां मालामाल होते है और इस कड़ी के सूत्रधार जब सुधीर कुमार हो जो सेल्स विभाग के प्रमुख हो जो हर एक क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत रखते हैं और हर एक गलत कार्यों पर उनकी नजर होती है जहां से कमीशन के तौर पर मोटी रकम पहुंचता है जो नीचे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक बंटवारा होता है जहां सुधीर कुमार को सेल्स विभाग के अलावा महान 3 परियोजना के आउट सोर्सिंग कंपनी चेन्नई राधा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड का प्रभार भी लेकर बैठे हुए है फिर जहा ऐसे अच्छे अच्छे विभाग हाथ लगे हो तो भला कैसे कोई ट्रांसफर आदेश लेकर चलता बने और ऐसे पुराने अधिकारी जिन्हें हर कुछ पता हो और उनसे फायदा हो उनको क्यों ना महाप्रबंधक और उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त हो फिर इनके सामने मिशन जटायु क्या है जो नतमस्तक न हो ….?

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