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गणेशपुर जंगल में 62 वर्षीय बुजुर्ग रामकुमार को दतैंल हाथी ने पटककर उतारा मौत के घाट।

जाहिद अंसारी

राजधानी से जनता तक. सुरजपुर/प्रतापपुर:– एक के बाद एक इंसानी मौत और हैवानियत का तांडव कर रहे हाथियों का दल लगातार लोगों का जान माल को नुकसान पहुंचा रहे हैं तथा ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिए हैं वही इन वन विभाग के खोखले दावों का पोल खोल रहे हैं जहां वन विभाग के प्रति ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं निरंतर हाथियों परमानेंटिंग नहीं होने के कारण ग्रामीण का आक्रोश फैल चुका है एक के बाद एक मौत से प्रतापपुर विकासखंड जहां डाला हुआ है वही वन विभाग कुंभकरण ने नींद में सोया हुआ है वही अंबिकापुर प्रतापपुर मार्ग के रास्ते से गणेशपुर जंगल स्थित है जहां आए दिन हाथियों का बसेरा और रोजाना हाथियों को देखा जाता है सड़क पर।

ज्ञात हो गणेशपुर जंगल में हाथियों ने एक के शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर बड़े बेरहमी से छत बिछत कर दिया वन परिक्षेत्र के गणेशपुर जंगल में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग को हाथियों  दल से अलग घूम रहा दतैंल ने पटक कर मौत के घाट उतार दिया।

दरअसल गणेशपुर निवासी  रामकुमार 62 वर्ष पीता जूठन तेंदु पत्ता तोड़ने ग्रामीणों के साथ गया था। इसके साथ पत्नी भी मौजूद थी। दतैंल हाथी को देख अन्य ग्रामीण भागने में सफल रहे लेकिन मृतक जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करने लगा जिससे दतैंल हाथी ने अपने चपेट मे लेकर फुटबॉल की तरह पटक पटक कर मौत के घाट उतार दिया एवं दर्दनाक मौत दे दिया जिसे देखने वाले के रूह कप उठे।

सड़क से 3 किमी अंदर जंगल में पत्नी व ग्रामीणों के साथ तोड़ रहा था तेंदु पत्ता

जानकारी के मुताबिक रामकुमार अपनी पत्नी और गांव के अन्य लोगों के साथ जंगल में तेंदु पत्ता तोड़ रहा था जहां अचानक दतैंल हाथी पर सबकी नजर पड़ी पत्नी व अन्य वहां से भागने मे सफल हो गए लेकिन मृतक रामकुमार पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करने लगा जिसके वजह से हाथी के चपेट मे आ गया।

वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच मृतक के शव का पोस्टमार्टम करा कर कराकर उसके परिजन को सौपनै की तैयरी में जुटा हुआ था। वन विभाग के कर्मचारी ने बताया की 7-8 लोग जंगल के अंदर तेंदु पता तोड़ने गए हुए थे। अन्य लोगों ने वहां से भागने में सफल हो गए. वहीं मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी जाएगी।

वही लगातार हाथी के मौत के बाद घटना से जहां ग्रामीण वन विभाग के प्रति आकर्षित हैं वहीं वन परिक्षेत्र का क्षेत्र में नहीं रहना वह अंबिकापुर से आना-जाना करना दुर्भाग्य का विषय बना हुआ है वन विभाग की लापरवाही पर लापरवाही सामने आने के बाद भी शासन प्रशासन आज तक मौन है और लगातार हो रहे हाथियों से मौत के कारण ग्रामीण जनता आक्रोश है जो कि कांग्रेस से लेकर भाजपा सरकार आज तक इन हाथियों से निजात ग्रामीणों को निजात नहीं दिला पाए है। ग्रामीणों ने भी वन विभाग के लोगों को जमकर खरी खोटी सुनाई तथा प्रताप पूर्वांचल क्षेत्र में रेंजर के नहीं रहने पर ग्रामीणों ने प्रतापपुर से रेंजर को हटाने का मांग किया है।

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