एचएमएस पदाधिकारी द्वारा मेरे ऊपर लगाए गए आरोप जिसकी प्रबंधन जांच करवा सकती है – संजय सिंह
भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ के पदाधिकारी संजय सिंह ने एमएमएस पदाधिकारी तेज बहादुर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए तमाम आरोपों को बताया निराधार
मोहन प्रताप सिंह
राजधानी राजधानी से जनता तक. सुरजपुर/भटगांव:—- एसईसीएल भटगांव क्षेत्र अंतर्गत पिछले दिनों तेज बहादुर, महामंत्री एचएमएस भटगाँव क्षेत्र के द्वारा लेटर जारी कर करते हुए कई प्रकार के आरोप लगाया है जो कि पूर्णतः असत्य व निराधार है जो की दुर्भावनाओं से ग्रसित होकर ऐसा निराधार आरोप लगाया है।
लगातार होती रही है प्रतिस्पर्धा – संजय सिंह
आपको अवगत कराना चाहेंगे कि सदैव से ही एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में एचएमएच व बीएमएस संगठन में कड़ी प्रतिस्पर्धा रही है और चूँकि माह जुलाई में एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों सहित भटगाँव क्षेत्र में भी वर्ष 2024 के सदस्यता सत्यापन का कार्य सम्पन्न होना है, इस निमित्त विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार एचएमएस संगठन के महामंत्री तेजबहादुर द्वारा मेरे ऊपर मनगढ़ंत आरोप जैसे कि ओटी का भुगतान, पीएच का नियमित भुगतान, बॉयोमेट्रिक हाजरी से प्रबंधन द्वारा छुट, घर से प्रबंधन द्वारा हाजरी दिया जाना इत्यादि कई झूठे आरोपों से संलिप्त एचमएस का प्रबंधकीय पत्र मुद्रण हेतु प्रेषित किया है जो की आश्चर्य का विषय है, कि उक्त गलत आरोपों से और समाचार पत्रों में प्रकाशन से मेरी छवि सामाजिक रूप से धूमिल हुई है और यह एक आपत्ति का विषय है।
मुझे किसी प्रकार की छूट और ना ही कोई फायदा पहुंचाया जा रहा है
में बताना चाहता हूं कि तेज बहादुर, महामंत्री एचएमएस एसईसीएल भटगाँव क्षेत्र के द्वारा मेरे ऊपर ओटी का भुगतान, पीएच का नियमित भुगतान, बॉयोमेट्रिक हाजरी से प्रबंधन द्वारा छुट, घर से प्रबंधन द्वारा हाजरी दिया जाना इत्यादि जैसे जो कई झूठे आरोप लगाए गए हैं वह पूर्णत असत्य व केवल और केवल भटगाँव क्षेत्र में माह जुलाई में होने वाले सदस्यता सत्यापन 2024 के निमित्त अधोहस्ताक्षरी की छवि सामाजिक रूप से धूमिल करने संबंधी दुर्भावना से ग्रसित एक प्रयास है, जिसका मेरे द्वारा पूरी तरह से खंडन किया जाता है।
पद और पावर का स्तेमाल कर पुत्र को लाभ दिलाना क्या ये अनुचित लाभ नहीं
संजय सिंह के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि सेवानिवृत्ति के लगभग 01 वर्ष पूर्व तेजबहादुर जब क्षेत्रीय मुख्यालय भटगाँव क्षेत्र में पदस्थ थे, उस समय पूरे क्षेत्रीय मुख्यालय में किसी कर्मचारी को संडे व पीएच नही दिया जाता थ, किन्तु तेजबहादुर को पूर्ण रूप से संडे व पीएच प्रदान किया जाता था, इसे कौन से उचित लाभ की श्रेणी में रखा जाए, विचारणीय है? क्षेत्र में कई ऐसे वरि० और कनि० माईनिंग सरदार ग्रेड-“सी” हैं, जिनकी पदोन्नति श्रमशक्ति बजट में प्रावधान ना होने के कारण ओवरमैन ग्रेड-“बी” हेतु लंबित है, जिस हेतु संदर्भ में बीएमएस संगठन प्रयासरत है, ऐसे माईनिंग सरदारों के “बी टाईप” आवास हेतु आवेदन करने पर प्रबंधन द्वारा अयोग्य बताकर उन्हें आवास का आबंटन नही किया जाता है, किन्तु तेजबहादुर ने अपने पुत्र जो कि कनि० ओवरमैन ग्रेड-“सी” है, को बड़े आसानी से “बी टाईप” आवास का आबंटन करा दिया। इसे शायद उचित लाभ की श्रेणी में कहा जा सकता है ?
पद और पावर का गलत उपयोग पुत्र को दिलाया गया फायदा
तेजबहादुर सिंह ने अपने पुत्र की पदस्थापना पहले एसईसीएल, उपरांत भटगाँव क्षेत्र में कराई, (जबकि एसईसीएल द्वारा कनि० ओवर मैन ग्रेड-“सी” की कोई भर्ती नही ली जाती है) इसके उपरांत उसकी पदस्थापना कॉलोनी से नजदीक भटगाँव 1-2 भूमिगत खदान में कराई गई, उपरांत जब यह देखा कि कनिष्ठ होने के कारण प्रबंधन उसका चार्ज एलाऊंस नही दे रहा है, तो अपने पद के प्रभाव से उसकी पदस्थापना जगन्नाथपुर खुली खदान में करा दी गई और फुल चार्ज एलाऊंस 1 घंटा की सुविधा शुरू हो गई, जबकि कई वरिष्ठ माईनिंग सरदार आज भी क्षेत्र की भुमिगत खदानों में कार्य करने को विवश हैं और उन्हें पूर्ण रूप से चार्ज एलाऊंस का भुगतान नही किया जा रहा है, हो सकता है इसे उचित लाभ की श्रेणी में गिना जा सकता है।
दिलाए जा रहे व्यापक स्तर पर अनुचित लाभ
हम इनके उचित लाभ की श्रेणी को और बढ़ाते हुए अवगत कराना चाहते हैं, कि इनके संगठन के क्षेत्रीय जेसीसी दुग्गा बंद खदान में वर्षों तक संडे पीएच और चार्ज एलाऊंस का पूरा लाभ लेते रहे हैं, इनके संगठन के दूसरे क्षेत्रीय जेसीसी जो कि भटगाँव 1-2 भूमिगत खदान में वरि० ओवरमैन के पद पर सामान्य पल्ली (7 बजे से 03 बजे तक) में कार्यरत हैं, 10-11 बजे तक खदान के ऑफिस, सरफेस में सेवा देते है, ( विडियो स्वस्वीकृत है), इनके संगठन के क्षेत्रीय सुरक्षा समिति सदस्य व अन्य wl जो कि इले० फोरमैन हैं व नवापारा भूमिगत खदान (वर्तमान में उत्पादन बंद है) में पदस्थ हैं, उन्हें उस श्रेणी में क्षमता से ज्यादा श्रम-शक्ति होने उपरांत हर माह ओटी का भुगतान प्रबंधन द्वारा नियमित रूप से किया जाता शायद इसे उचित लाभ की श्रेणी में गिना जा सकता है।
क्यों मेहरबान है महाप्रबंधक भटगांव चहेतों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र में महाप्रबंधक प्रदीप कुमार द्वारा एक और सेवा भी अपने खास लोगों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है जो यह है कि जितने भी बंद पड़े खदान है जैसे दुग्गा ओसीएम जो लगभग 15 वर्षों से डिस्कंटीन्यू है और वर्किंग बंद है, महान- 1 जो तीन से चार वर्षों से बंद पड़ी है, महान- 2 ओसीएम भी बंद है। उन खदानों में कुछ खास व पंसदीदा कर्मचारियों को पदस्थ कर रखा गया है जो घर से ही बैठ कर प्रतिमाह अपना पूरा वेतन का पैसा कंपनी से ले रहे है जिनमें माइनिंग सरदार, ओवरमैन तो है ही यहां तक तो ठीक है पर डंपर, डोजर फीटर, फोरमैन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत कर्मचारी जिनकी आवश्यकस महान- 03 जैसे कार्यरत खदानों में है वे यहाँ बंद पड़ी खदानों में बैठाकर कर लाखो रुपये प्रतिमाह वेतन कर्मचारियों को क्यों दे रहा है। महान 1ओसीएम में ट्रिपमैन को हाजिरी बाबू और बिलिंग क्लर्क बनाकर लंबे समय से कार्य कराया जा रहा है जबकि इनका स्थानांतरण विगत दो वर्षो से महान 3 ओसीएम के हुआ है पर बिना ट्रांसफर रुके ये लोग आज भी महान 1में किसकी अनुमति से ड्यूटी विगत दो वर्षो से आज भी कर रहे है इस क्रोनोलॉजी को समझा जा सकता है यह सभी लोग महाप्रबंधक के खास व करीबी लोग है तथा उन्हें खुश कर रखते हैं इनके लिए कोई नियम कायदे नहीं है।
Author: Mohan Pratap Shingh
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