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भक्तों को दर्शन देने धाम से बाहर निकले ‘जग के नाथ’

 

शहीद नगरी में रथ खींचने श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा

 

 

दीनदयाल यदु/जिला ब्यूरो चीफ

 

 

छुईखदान । रियासत कालीन प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर जमात पारा छुईखदान में सात जुलाई 2024 दिन रविवार को भगवान श्री जगन्नाथ , बलभद्र भैया, एवं बहन सुभद्रा मैया एक साथ सिंहासन पर बैठकर तोरण -पताका से सजे रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले रथयात्रा पूरे शहर में भ्रमण कराया गया जस गीतों की प्रस्तुति लगातार चलती रही जिसमे विशेष ‘भले बिराजें हो उड़ीसा जगन्नाथ पुरी में ठाकुर भले बिराजें हो’ आदि सैकड़ों गीतों की प्रस्तुति सहित भगवान बेड़ी हनुमान जी का निशान पताका लेकर भक्तिभाव से रथ के रस्सी को भक्तजन खींचते हुए जय श्री जगन्नाथ स्वामी के जयघोष करते हुए रथयात्रा निकाली गई राजपरिवार के सदस्य लतारानी लाल जे के वैष्णव ने पूजा करने पश्चात जानकारी दी कि मंदिर परिसर में भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी की विधिवत पूजा आरती कर रथ पर बिठाया गया तत्पश्चात बैरागी पारा, राजमहल चौंक, बाजार लाईन, ब्राह्मण पारा, महोबिया पारा, जयस्तंभ चौक मेनमार्केट,कंडरा पारा होते हुए हजारों भक्तों की भीड़ सहित मंदिर परिसर पहुंची ।

 

 

रथ यात्रा का जगह जगह पर पूजा अर्चना कर किया गया स्वागत

 

 

रथयात्रा के समय सभी भक्त महिलाएं पुरुष , बच्चे अपने घर के द्वार पर भगवान को पाकर खुशी से जयकारे लगाते पुष्पांजलि अर्पित आरती कर श्रीफल भेंट कर आनंदित होते हुए अपने घर के सामने रथयात्रा का स्वागत किया एवं रस्सी खींच कर शामिल हुए जय श्री जगन्नाथ सेवा समिति छुईखदान द्वारा प्रतिवर्षानुसार विशाल भंडारा लगाकर महाप्रसाद , पूड़ी सब्जी हल्वा , प्रसाद वितरण किया गया संजय लल्ला ने बताया कि स्वतंत्रता के पूर्व से स्थापित रियासत कालीन भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर में परम्परा अनुसार शहर, ग्रामीण क्षेत्रों के भक्त शामिल रहते हैं रथयात्रा पर्व पर प्रसाद गजामूंग एक दूसरे को खिलाकर महाप्रसाद, गजामूंग आदि मितान बनाकर पीढ़ी दर पीढ़ी निभाई जाती है इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त जन उपस्थित रहे।

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