चांपा के हसदेव नदी में गिरीस रेल गाड़ी ,काकरो हाथ ले होवय l
होनी होय के बाद नई सुधरे ,कोनो कतको रोवय ll
14सितंबर सन संतानबे,अभी ले हावय सुरता l
अब कब्भू इतिहास म अइसन,अशुभ घड़ी झन आवै ll
आत रहीस अहमदाबाद ले ,अड़बड़ रहीस सवारी l
पुल उप्पर म काम चलतरिस,चूक होगे भारी ll
चांपा के हसदेव नदी म गिरिस रेल गाड़ी l
चार बोगी नदिया म गिरगे,एक अरहज के रइगे ll
ओ लंग के दूरदसा ला संगी,अब का कइबे भईगे l
हाथ गोड कतको के टूटगे ,कई सौ तुरते मरगे l
सुन सुन के मनखे मन दौड़िन,सब लंग चिहुर परगे ll
आवा दाऊडा निकाला बोगी मा, मनखे फंसे हे भरी l
चांपा म लहूटीस रेल गाड़ी
कुचराय चपकाय मन ल,बोगी काट के खीचिन ll
चेत नई रहै तेकर ऊपर , तुरते पानी छींचीन l
जीव जान ल हुम के कतको, पुन के करजा छूटींन ll
कतको पापी मन नरी दबा के ,मुर्दा तक ल लूटीन l
अपन दांव म कहूं नई चूंकिन, जईसे कोनो जुआरी ll
चांपा के हसदेव नदी म गिरिस रेल गाड़ी
तीर तखार अऊ चांपा भरके
,अस्पताल सब भर गए l
जन परिवार अऊ हित पीरित मन,सुनते साथ हबर गए ll
ककरो बितगे दाई दादा अऊ ककरो बहिनी भाई l
जेकर सेंदुर पोंछागे ओकर, का कहिबे कल्लाई l
दुख हर होगे पहार बरोबर , बिन धड़कन के नारी ll
चांपा के हसदेव नदी म गिरिस रेल गाड़ी l
आत रहीस अहमदाबाद ले अड़बड़ रहीस सवारी l। पुल उप्पर म काम चलतरिस चूक होगे भार
चांपा के हसदेव नदी म गिरिस रेल गाड़ी ll
Author: Rajdhani Se Janta Tak
राजधानी से जनता तक न्यूज वेबसाइट के आलावा दैनिक अखबार, यूटयूब चैनल के माध्यम से भी लोगो तक तमाम छोटी बड़ी खबरो निष्पक्ष रूप से सेवा पहुंचाती है