हिंदी केवल भाषा नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं – डां घनश्याम दुबे
राजधानी से जनता तक। न्यूज़ चांपा ! निराला साहित्य मंडल एवं महिला मंडल चांपा के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता निराला साहित्य मंडल के अध्यक्ष तथा पूर्व नपाध्यक्ष चांपा राजेश अग्रवाल ने की , जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम दुबे उपस्थित रहे । यह आयोजन राजेश अग्रवाल के निवास, कैलाश-सा मिल, पुराना कॉलेज रोड, चांपा में संपन्न हुआ , जिसमें बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी एवं गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं निराला जी के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि से हुआ । मंडल के उपाध्यक्ष पं. अखिलेश कोमल पाण्डेय ने सभी उपस्थितों के साथ समवेत स्वर में सरस्वती वंदना का पाठ किया । इसके बाद मंचस्थ अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं अक्षत चंदन से किया गया । इस स्वागत की प्रक्रिया में अध्यक्ष राजेश अग्रवाल, नागेन्द्र गुप्ता और पं. अखिलेश कोमल पाण्डेय ने अपनी भूमिका निभाई ।
हिंदी दिवस के इस विशेष अवसर पर अतिथियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए
मुख्य अतिथि डॉ. घनश्याम दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा, हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं । यह न केवल भारत में, बल्कि विश्व के कई देशों में बोली और समझी जाती हैं । हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और इसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए । हिंदी को अपनी बोलचाल और लेखन में प्रमुखता देकर इसे और अधिक सशक्त बनाया जा सकता हैं । उन्होंने अमेरिका प्रवास के दौरान भारतीय संस्कृति एवं हिंदी की महत्ता पर रोचक प्रसंग सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, निराला साहित्य मंडल का उद्देश्य हिंदी साहित्य एवं भाषा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ नई पीढ़ी को हिंदी साहित्य से जोड़ना हैं । हिंदी दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि हमें अपनी मातृभाषा के उत्थान के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता हैं । इसके बाद , हिंदी दिवस कार्यक्रम के प्रवक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए । मुख्य संरक्षक एवं प्रवक्ता पं. हरिहर प्रसाद तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा, हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम हैं । इसे और सशक्त बनाने के लिए हमें इसे रोजमर्रा की भाषा में अपनाना चाहिए । यह हमें आपस में जोड़ती हैं और हमारे विचारों को सशक्त रूप में प्रस्तुत करती हैं । अपने उद्बोधन में तिवारी जी ने श्रीरामचरितमानस के प्रसंगों को जोड़कर एक ही शब्द के अनेक अर्थ बताकर हिंदी की व्यापकता को स्पष्ट किया, जिसे सभी ने बहुत पसंद किया । पं. अखिलेश कोमल पाण्डेय ने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, हिंदी भाषा हमारी अस्मिता और पहचान का हिस्सा हैं । इस भाषा ने भारतीय समाज को सांस्कृतिक रूप से एक सूत्र में बांधने का कार्य किया है। हमें हिंदी को सिर्फ किताबों और मंचों तक सीमित न रखकर, जीवन के हर क्षेत्र में इसका उपयोग करना चाहिए। हमारी जिम्मेदारी हैं कि हम इसे अगली पीढ़ी तक भी पूर्ण आत्मविश्वास के साथ पहुंचाएं । पार्षद नागेन्द्र गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “हिंदी भाषा हमारी धरोहर हैं और इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। हमें अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए और इसे अपने दैनिक जीवन में प्रमुखता से स्थान देना चाहिए । वैश्वीकरण के दौर में भी हिंदी की महत्ता बनी रहे, इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में डॉ. कुमुदिनी द्विवेदी, डॉ. इन्दु साधवानी, श्रीमती मीरा मिहिर पत्की, पं. रामगोपाल गौरहा, पं. रामकिशोर शुक्ला, शशिभूषण सोनी, शनि कुमार लहरे , डॉ रामखिलावन यादव, संजय शर्मा और भुवनेश्वर देवांगन ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए । सभी ने हिंदी के प्रति अपना समर्पण और इसे सशक्त बनाने के लिए आवश्यक प्रयासों पर बल दिया । कार्यक्रम के अंत में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई, जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. घनश्याम दुबे और भुवनेश्वर देवांगन ने निराला साहित्य मंडल की सदस्यता ग्रहण करने की घोषणा की। यह मंडल के प्रति उनकी आस्था और समर्पण का प्रतीक था। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने किया । उनका संचालन काव्यात्मक और भावनात्मक अंदाज में रहा , जिससे पूरे कार्यक्रम में रचनात्मकता और सृजनशीलता का माहौल बना रहा । अंत में मंडल के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने उपस्थित सभी अतिथियों और सहभागियों का आभार व्यक्त किया । इसके बाद सभी ने स्वल्पाहार का आनंद लिया ।
दैनिक राजधानी से जनता तक विशेष आमंत्रण पर पहुंची और शुरुआत से अंत तक समारोह में सहभागी रही
सामाजिक सरोकार के तहत् दैनिक राजधानी से जनता तक के संपादक शनि कुमार लहरे संपादकीय लेखक शशिभूषण सोनी तथा ••••• निराला साहित्य मंडल के विशेष आमंत्रण पर समारोह स्थल पर पहुंचकर विद्वजनों से भेंट-मुलाक़ात किए। निराला साहित्य मंडल द्वारा दोनों अतिथियों का तिलक तथा पुष्पाहार से स्वागत किया । शनि कुमार लहरे संपादक राजधानी से जनता तक समाचार-पत्र ने संबोधित करते हुए कहा कि यह अत्यंत गौरव की बात हैं कि देश में आज हर स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में हिदी का अध्ययन और अध्यापन हो रहा हैं । हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा हैं और इसका सम्मान करना हम सबका धर्म हैं । इसी तरह शशिभूषण सोनी ने हिंदी दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा हैं। आज़ के दिन हम सबको हिंदी के अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ाने के लिए संकल्प ले । हिंदी का क्षेत्र विशाल हैं उसकी गोद में अनेक आंचलिक भाषाएं हैं। हिंदी को समृद्धि के शिखर पर ले जाने के लिए इन भाषाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए आज़ बहुत ही गौरव की बात हैं कि हिंदी के कामकाज के लिए अनेक कंप्यूटराइज्ड मशीनें उपलब्ध हैं और केंद्र तथा राज्य सरकारें अच्छा कार्य कर रही हैं ।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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