चरण सिंह क्षेत्रपाल / राजधानी से जनता तक
गरियाबंद (देवभोग)- गरियाबंद जिले के विकास खण्ड देवभोग क्षेत्र में हर साल की भांति इस साल भी विश्वकर्मा जयंती का पर्व अंत्यंत हर्षोल्लास के साथ कन्या संक्रान्ति के दिन मनाया जाएगा। विश्वकर्मा जयंती औजारों का निर्माण कर्ता, राजमिस्त्री,व वाहन चालकों अंत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।देवभोग क्षेत्र के अनेकों ग्राम पंचायतें है जहां प्रति वर्ष की भांति इस साल भी खूब हर्षोल्लास से मनाई जाती है विश्वकर्मा जयंती
आखिर क्यों मनाया जाता है विश्वकर्मा जयंती दिवस ?
वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान विश्वकर्मा विश्व निर्माता , देवी देवताओं का वास्तुकार, वास्तुकला कौशल में परांगत, होने के साथ- साथ इनकी कन्या संक्रान्ति के दिन अवतरण हुआ था। तथा विश्वकर्मा सृष्टि सृजनकर्ता प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। विश्वकर्मा को विश्व का निर्माता तथा देवताओं का वास्तुकार माना गया है। इसी लिए आज सभी भारतवासी भगवान विश्वकर्मा पूजा हिन्दू धर्म में ब्रह्मांड के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है। भगवान विश्वकर्मा वास्तुकला कौशल में सर्वश्रेष्ठ निर्माण व सृष्टि सृजनकर्ता हैं। इसी लिए आज सभी औजारों के निर्मित, वाहन चालक, गृह निर्माण कर्ता राजमिस्त्री मंगलवार 17 सितम्बर को हर्षोल्लास से मनाई जाने खूब जोर- जोर से आज तैयारी का अंतिम दिवस मानी जा रही है। पूजा आराधना के उपलक्ष्य में रात्रिकालीन जागरण हेतु उड़िसा व छत्तीसगढ़ से काल्पनिक चरित्र नाटक का आयोजन रखा जाता है। तथा अन्य क्षेत्रों में रामायण, भागवत कथा प्रवचन सुनाई जाती है।

Author: Rajdhani Se Janta Tak
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