राजधानी से जनता तक / जिला संवाददाता-चरण सिंह क्षेत्रपाल
गरियाबंद – छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में भेड़ और बकरियों को पीपीआर प्लेग और शिप गाटस जैसे घातक बीमारी से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में संघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देशन में 1 अक्टूबर से शुरू किया गया है,यह अभियान 31 अक्टूबर तक चलेगा। जिला पशुपालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले के 5 विकास खण्डों में टीकाकरण कार्यक्रम आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में कुल लगभग 33,000 भेड़ और 80,000 बकरियों को टीके लगाए जाएंगे। पशुधन विभाग के उपसंचालक डॉ ओंकार प्रसाद तिवारी ने बताया कि पीपीआर रोग अंत्यंत संक्रमण है। और इससे ग्रसित पशुओं में बुखार दस्त, निमोनिया और मुंह में छाल जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जिससे उनकी मौत हो जाती है। वर्ष- 2023 में बकरी, भेड़ पालन करने वाले पशु पालकों ने बताया कि देवभोग क्षेत्र में पीपीआर प्लेग आफ शिप गाटस खतरनाक प्राणघातक बीमारी के फैसले से कई बकरी व भेड़ की मौत हो गयी। किंतु इस साल कलेक्टर जी ने संज्ञान में लेते हुए उन्होंने पशुधन विभाग को निर्देश दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं को टीका लगाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाने जोर दिया गया है। इसी दौरान जिले के सभी विकास खण्डों में एक साथ टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें सबसे मैनपुर व देवभोग विकास में भेड़ व बकरियों की सर्वाधिक संख्या में पायी जाती है। चूंकि भेड़ बकरी पालन करना अर्थात आय का स्त्रोत घर की व्यवसाय की पूंजी है। ग्रामीण जनों को बकरी व भेड़ पालन से आर्थिक स्थिति में सुधार हो रही है।आप यह देख कर अचंभित हो जाएंगे की गांव में किसी न किसी के घरों में बकरी व भेड़ अवश्य मिलेंगे ।
ग्रामीण जनों के द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक बकरी पालन से नीचे दबी हुई आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलती है। विगत वर्षों कई भेड़ बकरियां की मौत हो गई जिससे ग्रामीण पशुपालकों को लाखों रुपए का नुक़सान हुआ है। पशुधन विभाग द्वारा टीकाकरण दल गठन किया गया है। जोकि इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने में जुटे हुए हैं।
Author: Rajdhani Se Janta Tak
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